महिला ने लंका मैदान के पास एंबुलेंस में दीया नवजात शिशु को जन्म

शमशाबाद/फर्रूखाबाद:(विशाल शर्मा)- जनपद फर्रुखाबाद कस्बा शमशाबाद जानकारी के अनुसार शमशाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम नैगमा निवासी 32 बर्षीय आशा देवी पत्नी पप्पू जो पिछले कुछ समय से प्रसबकाल के दौर से गुजर रही थी आशा देवी की देखरेख का जिम्मा गांव की आशा बहू के हवाले था समयानुसार जब प्रसूता को प्रसव पीड़ा हुई तो सूचना आशा बहू को दी गई जिस पर आशा बहू ने डायल 108 नंबर पर कॉल कर एम्बुलेंस को आने की सूचना दी सूचना के बाद मौके पर पहुंची एंबुलेंस के चालक श्यामवीर तथा ईएमटी संजीव कुमार ने आशा बहू के सहयोग से प्रसूता को एंबुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शमशाबाद ले जाए जाने की व्यवस्था की गई जिस समय एम्बुलेंस गांव से शमसाबाद आ रही थी उसी दौरान लंका के मैदान के पास प्रसव पीड़ा तेज हो गई जो लगातार बढ़ती ही गयी प्रसूता को प्रसव पीड़ा इस कदर बढ़ी कि एम्बुलेंस को वही रोकना पड़ा चालक श्यामवीर ईएमटी संजीब कुमार तथा आशा बहू ने महिला की सास प्रेमवती की मदद से सुरक्षित प्रसव कराया सुरक्षित प्रसव के बाद जब एंबुलेंस में नवजात शिशु की किलकारी गूजी तो सभी लोगों ने राहत की सांस ली सुरक्षित प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शमशाबाद में भर्ती कराया गया जहा समाचार लिखे जाने तक जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ बताए गए थे मालूम रहे यूपी सरकार स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव कराए जाने हेतु तमाम प्रयास किए जिससे प्रसूताओ को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके अक्सर प्रसबकाल के दौरान लापरवाही देखने को मिलती है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की माने तो गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव हेतु एक दिन पहले ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर इस लिए भर्ती करा दिया जाता है कि प्रसूताये सुरक्षित प्रसब की प्रक्रिया से जुड़ सके मगर अफसोस है ऐसे समय में एंबुलेंस को सूचना दी जाती है जब शायद प्रसूताये अंतिम दौर से गुजर रही होती ऐसे हालातों में जच्चा बच्चा दोनों की जान को खतरा बढ़ जाता हैं प्रसूताओं को एंबुलेंस के जरिए जब तक स्वास्थ्य केंद्रों पर लाया जाता है तब तक काफी देर हो जाती है मजबूरन प्रसूताएं एंबुलेंस में ही बीच रास्ते मे बच्चों को जन्म देती हैं।