जिला पंचायत की बेशकीमती संपत्ति पर 46 वर्ष से अवैध कब्ज़ा जमाये भू भूमाफिया पर कब होगी बुलडोजर वाली कार्यवाही, विभाग ने भेजें बेदखली के नोटिस, 3 करोड़ 71 लाख 59 हजार रुपये रिकवरी नोटिस भी थमाया

महोबा/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता इसराईल कुरैशी)– उत्तर प्रदेश में सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जे में सीएम योगी का बुल्डोजर चल रहा है लेकिन बुंदेलखंड के महोबा में प्रशासन की निष्क्रियता के चलते जिला पंचायत की संपत्ति पर 46 साल से अवैध कब्जे किये भू माफिया पर कोई कार्यवाही ना होने से तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकारी संपत्ति के तीन हिस्सों की रजिस्ट्री कर बेंच डाला गया तो वहीं अन्य हिस्से में दुकानें बनाकर किराए पर चलाई जा रही है। शहर मुख्यालय के बीचो बीच सरकारी जमीन के अवैध कब्जे को हटाने के लिए जिला पंचायत ने कब्जा धारी के खिलाफ 3 करोड़ 71 लाख 59 हजार रुपये रिकवरी का नोटिस जारी कर दिया जिसके बाद से भूमाफिया कब्जाधारी में हड़कंप मचा है। यही नहीं जिला पंचायत विभाग ने उक्त जमीन पर कब्जा किए अन्य लोगों को बेदखली के नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के अंदर कब्जा हटाने की चेतावनी दे डाली और ना हटाने पर कब्जों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के आदेश दिए है।
प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही सरकारी जमीनों को न केवल कब्जा मुक्त कराया जा रहा है बल्कि उन पर हुए अवैध कब्जों पर बुलडोजर भी चल रहा है जिससे भू माफियाओं में खौफ है, लेकिन बुंदेलखंड के महोबा जनपद में सीएम योगी के बुलडोजर का खौफ कमतर ही दिखाई दे रहा है। दरअसल महोबा शहर के चर्चित आल्हा चौक चौराहे के समीप सड़क से लगी बेशकीमती जिला पंचायत विभाग की संपत्ति पर पिछले 46 साल से अवैध कब्जा है। यहीं नहीं इस कब्जे के तीन हिस्सों को बेचकर रजिस्ट्री भी कर दी गई तो वहीँ अन्य हिस्सों में दुकानें बनाकर लोगों को किराए पर दे दिया गया और जिम्मेदार अधिकारी खामोश बने रहे।
महोबा के सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ता जीवनलाल चौरसिया ने इस मामले को लेकर अधिकारियों की चौखटों पर बार-बार शिकायतें की फिर भी सरकारी बेशकीमती संपत्ति के कब्जे धारी पर ना तो कोई कार्यवाही हुई और ना ही कब्जे को हटाया गया। जिस संपत्ति को बचाने की सरकारी तंत्र की जिम्मेदारी है उसे बचाने के लिए एक सामाजिक कार्यकर्ता पिछले 4 साल से लगा हुआ है। उसकी शिकायतों का ही असर है कि अब जिला पंचायत विभाग ने अपनी बेशकीमती संपत्ति को पाने के लिए कब्जेधारियों को नोटिस भेज दिए है। एसडीएम सदर जीतेन्द्र कुमार बताते है कि उक्त संपत्ति जिला पंचायत की है अपर मुख्य अधिकारी ने आरसी भेजी थी उसकी बसूली के सापेक्ष पर तहसीलदार को निर्देशित किया गया है यदि नहीं जमा किया गया तो फिर वारंट जारी किया जायेगा।
बताया जाता है कि जिला पंचायत विभाग की इस बेशकीमती संपत्ति का वर्ष 1946 में 30 साल के लिए पट्टा हुआ था और 1975 में उक्त आवासीय पट्टा समाप्त हो जाने के बावजूद भी उस पर भू माफिया ने कब्जा जमा लिया जबकि दिए गया पट्टा आवासीय था उसके बाद भी दुकानों का निर्माण कर व्यवसायिक कार्य किए गए तो वही पट्टा ख़त्म होने के बावजूद आज तक सरकारी बेशकीमती जमीन पर कब्जा कायम है जबकि चार बार गजट कर उक्त जमीन को जिला पंचायत की बताया जा चुका है लेकिन फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। आखिरकार जिला पंचायत ने अब बेशकीमती जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए आरोपी भूमाफिया को 3 करोड़ 71 लाख 59 हजार का रिकवरी नोटिस थमा दिया है साथ ही अन्य कब्जे धारियों को भी बेदखली के नोटिस देते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता जीवन लाल चौरसिया बताते हैं कि जिला पंचायत की भूमि के तीन हिस्सों को बेंच दिया गया और अन्य स्थान पर 3 दुकानों का निर्माण कर डाला और तीनों दुकानों को बतौर किराए पर दे दिया। अब जिला पंचायत ने भू माफिया सहित तमाम कब्जे धारियों को नोटिस जारी करते हुए 15 दिनों के भीतर अवैध कब्जों को हटा लेने अन्यथा स्पष्टीकरण की कार्यवाही करने के निर्देश दिए यही नहीं इस कार्यवाही में आने वाले खर्च को कब्जा धारियों से ही वसूले जाने के निर्देश है। आरटीआई कार्यकर्ता जीवनलाल चौरसिया बताता है कि पिछले 4 साल से सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए अधिकारियों को पत्र लिख रहे हैं।कोतवाली से लेकर तहसील और तहसील से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक में शिकायत की गई लेकिन यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई बल्कि उसे ही प्रताड़ित किया जा रहा है उसे डर है कि कहीं उसके साथ कोई अनहोनी न हो जाए इसलिए वह सुरक्षा की भी मांग कर रहा है।
वहीं सरकारी जमीन पर दुकान संचालित किए वीरेंद्र कुमार बताता है कि वह दुकान 22 वर्ष से किराये पर लिए है। उसे नहीं पता कि उक्त जमीन का क्या मामला है और किसकी संपत्ति है। लेकिन जिला पंचायत विभाग से नोटिस आए हैं जबकि उसने दुकान किराए पर ली है उसे लगता है कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। सभी लोगों को नोटिस मिले है।
बहरहाल जिला पंचायत की बेशकीमती जमीन पर कब्जेधारियों को भले ही विभाग ने नोटिस थमा दिए हो मगर अब ये देखना दिलचस्प होगा कि 46 वर्ष से सरकारी जमीन पर हुए अवैध निर्माण पर कब बुलडोजर चलेगा और कब कब्जामुक्त होगी।