March 15, 2025

आंगन की तुलसी और द्वार की नीम हमारे स्वास्थ्य की सुरक्षा गार्ड:शशि अवस्थी

 आंगन की तुलसी और द्वार की नीम हमारे स्वास्थ्य की सुरक्षा गार्ड:शशि अवस्थी

मिशन आरोग्यकर के तहत दिन चर्या, ऋतुचर्या की दी गई जानकारी

औषधीय पौधे,सब्जियो के बीज और आयुष की वितरित हुई दवाएं

बाराबंकी:(आज़मी रिज़वी)– हमारी रसोई घर का औषधालय है, आंगन की तुलसी और द्वार की नीम हमारे स्वास्थ्य की सुरक्षा गार्ड हैं,जिनके घर की रसोई में हल्दी,आंगन में तुलसी और द्वार पर नीम होती है उनके घरो मे हकीम की जरूरत नही पड़ती।यह विचार प्रख्यात योग प्रशिक्षक सेनि योग, आयुर्वेद एवं दर्शन आचार्य डा शशि कुमार अवस्थी ने बेसिक उत्थान एवं ग्रामीण सेवा संस्थान द्वारा जीवनीय सोसाइटी के सहयोग से संचालित मिशन आरोग्यकर के तहत बनीकोडर विकास खण्ड के ग्राम कलवारताल एवं हरीशनगर में गृहणियों, ग्रामीणों को स्वास्थ्य स्वावलम्बन के लिए दिनचर्या, ऋतुचर्या की जागरूकता एवं औषधीय पौधे व 11 प्रकार की सब्जियों के बीज व आयुष की शंशमनी बटी, आयुष-64 दवाएं वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये।

श्री अवस्थी ने कहा कि मांताएं परिवार की प्राथमिक चिकित्सक होती हैं, और प्राथमिक औषधालय उसकी रसोईं होती है, जागरूक एवं जानकार गृहणियां इस औषधालय से परिवार व बच्चों की अधिकांश स्वास्थ्य परेशानियां दूर कर सकती है। मिशन आरोग्यकर कार्यक्रम इसी उद्देश्य से गांवों में संस्था संचालित कर रही है इसके लिए संस्था धन्यवाद की पात्र हैं। श्री अवस्थी ने योग एवं दिनचर्या व ऋतु चर्या की विस्तृत जानकारी दी। राजकीय आयुष चिकित्सालय, आयुष योग वेलनेस सेन्टर उधौली के डा एसके अवस्थी ने बताया कि इस क्षेत्र में श्वंसन रोग, चर्म रोग और उदर सम्बंधी रोग बहुतायत पाये जा रहे हैं।

इनमें श्वंसन रोग का मुख्य कारण श्वांस लेने की सही जानकारी न होना, धूल धुंध में कार्य करना, और धूम्रपान करना है, चर्म रोग का मुख्य कारण अत्यधिक मात्रा में एण्टीबायोटिक अंग्रेजी दवाएं लेना तथा उदर रोग का मुख्य कारण अनियमित दिनचर्या, खान-पान है। यदि लोग इन सभी कारणों को दूर करने का प्रयास करें तथा योग एवं प्राणायाम करें तो सदैव स्वस्थ्य रहेंगे। श्री अवस्थी ने श्वसन सम्बंधी योग कराकर बताया और शंशमनी बटी, व आयुष-64 दवाओं के प्रयोग एवं उपयोगिता की जानकारी दी।

कार्यक्रम के संयोजक व संस्था अध्यक्ष रत्नेश कुमार ने सभी ग्रामीणों को तुलसी, कालमेघ अश्वगंधा के पौधे तथा 11 प्रकार की सब्जियों के बीज देते हुए कहा कि अंधाधुन्ध कीटनाशक एवं रसायनों के प्रयोग से उगाई जा रही सब्जियां एवं अनाज स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते जा रहे हैं, कम से कम गांव के लोग अपने घर एवं आंगन में गोबर की खाद से स्वयं सब्जियां उगाएं जिससे शुद्ध एवं ताजी सब्जी परिवार को मिल सके।

श्री कुमार ने कहा कि इन सब्जियों एवं औषधीय पौधों को अपने घरों में उगाकर परिवार सेहत बगीचा तैयार करें। पूर्व विधायक स्व नन्हेलाल कुरील के सुपुत्र गंगाराम कुरील ने कहा कि मनुष्य के पास अपने स्वास्थ्य के लिए समय नही है, जरा भी सिर दर्द, जुखाम बुखार होता है तो वह मेडिकल स्टोर से दवा लेकर ठीक होने का प्रयास करता है किन्तु मेडिकल स्टोर की अंग्रेजी दवाएं एक रोग में तो तुरन्त फायदा दिखाती है, तो वह कई और बीमारियां उत्पन्न कर जाती है। इसलिए प्रयास होना चाहिए कि घरेलू नुस्खे, औयुष के नुस्खों को प्रयोग करें, गम्भीर रोग होने पर डाक्टर की सलाह लेकर ही इलाज करना चाहिए।

चाइल्ड फ्रेण्डली स्कूल के प्रधानाध्यापक विनोद कुमार ने सभी का स्वागत किया और मिशन आरोग्यकर के जिला समन्वयक अंचल कुमार, आयुमित्र अखिलेश कुमार ने औषधीय पौधों, सब्जियों के बीजों व आयुष दवाओं के वितरण में विशेष योगदान दिया। इस अवसर पर 55 परिवार सेहत बगीचा लगाने के लिए तैयार हुए जिन्हें पौधे व बीज उपलब्ध कराकर सेहत बगीचा बनाने के लिए बताया गया।

Bureau