August 9, 2025

आज का इंसान बाहर से धनी और भीतर से निधर्न है:– स्वणर्लता बहन जी

 आज का इंसान बाहर से धनी और भीतर से निधर्न है:– स्वणर्लता बहन जी

मैनपुरी:- आजादी के अमृत महोत्सव से स्वणिर्म भारत की ओर अभियान के अंतगर्त प्रजापति ब्रह्मकुमारीज़ ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित ’’राजयोग के द्वारा सकारात्मक सोच’’ कायर्क्रम में स्वणर्लता बहन जी ने कहा कि आज का इंसान बाहर से धनी और भीतर से निधर्न है। पहले मनुष्य किसी बात को लेकर गुस्सा करता था लेकिन आज उसकी आदत में गुस्सा है। जिस कारण वह हमेशा तनावग्रस्त रहता है, हम सबको अपने अंदर ईश्वरीय ज्ञान पैदाकर मन की शांति के लिए मन को परमात्मा से जोड़ना होगा।

उन्होंने कहा कि संसार में कोई इंसान गलत नहीं है। बस अपनी सोच बदलने की जरूरत है, जीवन एक खूबसूरत यात्रा है सभी लोग इसे खुशी के साथ जिएं, कार्य का बोझ अपने ऊपर हावी न होने दें बल्कि अपने कार्यो को मुस्कुराते हुए पूरा करें। उन्होंने कहा कि आपस में स्वस्थ प्रतिस्पधार् करें, कायार्लय में सभी सहकमीर् एक-दूसरे का सहयोग कर कायर् करें, इससे कायर् क्षमता बढ़ेगी और ऑफिस के कार्य भी समय से पूर्ण होंगे। मन से काम करने से कार्य करने की शक्ति भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जीवन में खुश रहने के लिए 05 बातें जरूर अपनाएं, पहला संकल्प, दूसरा समय का सदुपयोग, तीसरा स्वास्थ्य का ध्यान, चैथा श्रेष्ठ कमर् और अंतिम संपत्ति।

स्वंणर्लता दीदी ने कहा कि अधिकांश मां-बाप के मन में बच्चों के बड़े होने पर बाहर जाने की दशा में उनके मन में एक ही चिंता होती है कि बच्चा किसी की संगत में पड़कर गलत रास्ते पर न चला जाए। अभिभावक यह चिंता करने के बजाय अपने बच्चों को इतना सशक्त, शक्तिशाली बनाएं कि उनकी संगत में आने वाला बुरा व्यक्ति भी सही मागर् को चुनने के लिए विवश हो जाए। उन्होने योग, साधना के माध्यम से सरकारी सेवा, कायोर् के बीच अच्छे एवं खुशहाल जीवन जीने के तरीकों, सरकारी कार्यो को सम्पन्न करते समय बोझिलता, नकारात्मकता दूर करने एवं ऊर्जा, उमंग बनाये रखने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सभी को 24 घंटे में कम से कम 01 घंटा अपने ऊपर व्यतीत कर साधना, व्यायाम, योग करना चाहिये। जिससे उमंग, उत्साह बना रहे, मन बोझिल न हो और मन में नकारात्मक ऊजार् का संचार न हो।

उन्होंने कहा कि हम सब कायर्क्षेत्र में रहकर एक परिवार की तरह कायर् करते हैं और अपना महत्वपूणर् समय व्यतीत करते हैं, यह सारी चीजें हमारे मन को प्रभावित करती है।, हम अपनी कमियों और बुराईयों पर ध्यान केन्द्रित करें। इस पर विजय प्राप्त कर आगे बढ़ें, अपनी शक्तियों को पहचान कर सकारात्मक मागर् देने की आवश्यकता है। इससे हमें अंदर से खुशी मिलेगी, हमारा मन शांत और प्रसन्न रहेगा। जहां नकारात्मकता होगी वहां तनाव रहेगा। हमें अपनी शक्ति का उपयोग अच्छे कायोर्ं में लगाकर सकारात्मक, ऊजार्वान रहना होगा।

जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने उपस्थित अधिकारियों, कमर्चारियों का आह्वान करते हुए कहा कि मनुष्य होने के नाते आप सब सदा आनंदित रहें, राजयोग एक रिचाजर् प्रोसेसिंग है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जिस प्रकार व्यायाम किया जाता है उसी प्रकार आत्मा, मन को स्वस्थ रखने के लिए परमात्मा के साथ जोड़कर अपनी शक्ति को उसकी किरणों से रिचार्ज करें

। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट इसका अभ्यास करें, पूरे दिन मन को संतुष्टि मिलेगी, राजयोग आत्मनिभर्रता का नाम है। मन पर संपूणर् नियंत्रण होने पर ही अच्छे कमर् कर सकेंगे, जीवन को खुशहाल बनाकर ही दूसरों की भलाई करते हुए जीवन की साथर्कता को निभा पाएंगे। उन्होने कहा कि साधना के माध्यम से हमें काम करने का कुछ ऐसा तरीका मिल सकता है, जिससे हम अपने कायोर् को करते हुए सवोर्त्तम, सुख-शांति, आनन्द प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिये, गलत विचारों से बचना चाहिये, अच्छी सोच, ऊजार् से अपने कार्यो को अंजाम देना चाहिये।


कायर्क्रम में ईश्वरी परिवार के भाई-बहन के अलावा पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित, अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, उप जिलाधिकारी सदर, भोगांव,करहल, नवोदिता शर्मा, कुलदेव, आर.एन.वमार्, राजस्व अधिकारी नरेंद्र कुमार, डिप्टी कलेक्टर राज नारायण त्रिपाठी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.पी.पी.सिंह, वरिष्ठ कोषाधिकारी श्याम लाल जायसवाल, परियोजना निदेशक डीआरडीए के.के. सिंह सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी, कलेक्ट्रेट के कमर्चारी आदि उपस्थित रहे, कायर्क्रम का संचालन वेद प्रकाश श्रीवास्तव ने किया।

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