June 24, 2025

टिकैत परिवार ने सिसौली का नहीं, केवल खुद का विकास किया, कस्बे में गुटबाजी को दिया बढ़ावा: भीम सिंह

 टिकैत परिवार ने सिसौली का नहीं, केवल खुद का विकास किया, कस्बे में गुटबाजी को दिया बढ़ावा: भीम सिंह

मुजफ्फरनगर:-भारतीय किसान यूनियन की राजधानी के रूप में विख्यात कस्बा सिसौली में विकास कार्य न होने का आरोप लगाते हुए सिसौली के मौजिज लोगों ने इसके लिए टिकैत परिवार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि कस्बे में लगातार गुटबाजी को बढ़ावा दिया जा रहा है और आपस में वैमनस्य फैलाने का प्रयास जारी है, जिसके आगे चलकर दुष्परिणाम होंगे।

मीडिया सैंटर में पत्रकारों से वार्ता करते जनकल्याण समिति, सिसौली के अध्यक्ष भीम सिंह ने कहा कि सिसौली 1927 में टाऊन एरिया बन गया था, जबकि लगभग 37 वर्ष पूर्व भारतीय किसान यूनियन का भी गठन हुआ था, तभी से भाकियू भी सिसौली के विकास के लिए कार्य कर रही है, परन्तु आज तक कोई विकास सिसौली या आस-पास नहीं हुआ है, जबकि सिसौली प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, उप प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री तक आ चुके हैं। सिसौली में अगर किसी का विकास हुआ है, तो वह टिकैत परिवार का। यदि कोई विकास की बात करता है तो उसे रोका जाता है।

उन्होंने कहा कि 14 अगस्त 2021 को उन्होंने सिसौली में एक कार्यक्रम का आयोजन कराया था, जिसमें तत्कालीन भाजपा विधायक उमेश मलिक भी शामिल हुए थे, लेकिन कुछ लोगों ने रंजिशन उन पर हमला कराया और गाड़ी के शीशे तोड़ने के साथ ही कालिख भी पोती गयी, जब पुलिस में इस मामले में कार्यवाही करनी चाही तो टिकैत परिवार में कार्यवाही नहीं करने दी और आंदोलन की धमकी देनी शुरू कर दी।

उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले भारतीय किसान यूनियन में दो फाड़ हुई हैं, जिसमें भाकियू अराजनैतिक का गठन हुआ है, यह सब टिकैत परिवार की हठधर्मिता के चलते हुआ, क्योंकि सभी बड़े पदों पर टिकैत परिवार के सदस्यों का ही कब्जा है और दूसरे लोगों को भीड़ जुटाने व खर्चा करने में ही लगाया जाता है। भीम सिंह ने भाकियू में दो फाड़ होने को टिकैत परिवार द्वारा बालियान खाप का अपमान बताने पर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने विगत दिनों सोरम में खाप के थांबेदारों की पंचायत होने और काकड़ा में रविवार को खाप की पंचायत बुलाने पर भी सवालिया निशान खड़े किये हैं।

उन्होंने कहा कि सिसौली में किसान भवन भी तालाब की भूमि पर बना हुआ है, जिसकी जांच कराकर अवैध कब्जा हटाया जाना जरूरी है। भीम सिंह ने कहा कि सिसौली में अभी तक भी डिग्री कॉलेज नहीं खुला है और जनता इंटर कॉलेज भी काफी दिनों से बंद पडा है। इसके अलावा परिवहन की भी कोई सुविधा नहीं हैं। कस्बे के लोग आवारा पशुओं से तंग आ चुके हैं, जबकि सिसौली में गऊशाला भी है और उसके लिए करीब दो लाख रूपये प्रतिमाह आते हैं। इसी प्रकार 1961 से अब तक चकबंदी भी नहीं हुई है। सिसौली में सीएचसी पर भी कोई चिकित्सा सुविधा नहीं है, जिससे लोग परेशान हैं। इस अवसर पर चौधरी बदलू सिंह, डा. उधम सिंह, चौ. प्रदीप सिंह, डा. बहादुर सिंह, चौ. भगत सिंह, रामपाल सिंह, रामकुमार, राजेन्द्र सिंह, गोवर्धन सिंह, वीरसैन बंजी आदि मौजूद रहे।

Bureau