सामुदायिक शौचालय देवकलिया में अभी तक लटक रहा ताला ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर

सीतापुर/उत्तर प्रदेश:(नूरुद्दीन)·ब्लॉक बिसवां के देवकलिया ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय का निर्माण के बाद भी आज तक ताला नही खोला गया है। जिससे ग्रामीण खुले में शौच जाकर संक्रमण को न्योता दे रहे है।गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए घर-घर शौचालय बनाने के बाद प्रत्येक ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय बनाने का काम पिछले दो सालों से चल रहा है। लेकिन केंद्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल सामुदायिक शौचालय निर्माण का काम जिले में कछुआ गति से चल रहा है।वहीं, कई जगहों पर शौचालय का निर्माण किया गया है, वहां ताला लटका हुआ है।
कई वर्षो से चला रहा अभियान
खुले में शौच मुक्ति के लिए पिछले कई साल से बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। घर-घर शौचालय का निर्माण कराने के साथ ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी कराया गया। सामुदायिक शौचालयों के निर्माण पर करोड़ों का बजट खर्च किया गया। हालाकि इतना सब होने के बाद भी खुले में शौच मुक्ति की सोच अव्यवस्था के तालों की कैद से बाहर नहीं निकल सकी है।बिसवा ब्लॉक क्षेत्र के ज्यादातर शौचालयों पर ताला लटका है जबकि कई शौचालयों से सामान भी गायब हो चुका है। औसतन तीन लाख रुपये खर्च कर ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया। अब शौचालयों का निर्माण हुए कई माह बीत चुका है लेकिन इन पूरी तरह से तैयार ज्यादातर सामुदायिक शौचालयों का ताला नहीं खुल सका है। ऐसा तब है जब कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की जा चुकी है
सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में बड़ा खेल हुआ। बाहर से शौचालयों को बेहतर रंग रोगन कर चमकदार बनाया गया, लेकिन अंदर घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया। पोल खुलने के डर से अधिकाश शौचालयों पर ताला लगा दिया गया और ताले की चाबी ‘गायब’ हो गई। अब ग्रामीण बनाए गए शौचालयों को शुरू करने के लिए चाबी तलाश रहे हैं। जबकि समूहों के खाते में हर माह वेतन भी निकल रहा है।
ओडीएफ घोषित हो चुका है जिला
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जहा ग्रामीण क्षेत्रों में तकरीबन 71 हजार से अधिक शौचालय का निर्माण ग्राम पंचायतों में किया गया है। वहीं, जिले के सभी विकासखंडों के ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। बावजूद इसके आज भी कई ग्राम पंचायतों में लोग खुले में शौच करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बना रहता है।