बिना पंजीकृत चल रहे अस्पताल में गर्भवती की हुई मौत की खबर चलने के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग का अमला

अवैध रूप से संचालित किये जा रहे अस्पताल को किया सील
कार्यवाही के दौरान अस्पताल स्टाफ ने चिकित्साधीक्षक को किया कमरे मे बंद
बरेली:(वसीम अहमद)-– बरेली की बहेड़ी तहसील में अवैध रूप से संचालित किये जा रहे अस्पताल और अल्ट्रासाउंड सेंटर की खबर चलाए जाने के बाद आखिरकार स्वास्थ्य विभाग की नींद खुल गई। एक दिन पूर्व जिस अस्पताल मे डॉक्टरों की लापरवाही से गर्भवती विवाहिता की मौत हुई थी जांच मे वह अस्पताल अवैध पाया गया जिसपर अस्पताल को सील कर दिया गया। अस्पताल मे मशीने पकड़े जाने पर स्टाफ ने चिकित्सा अधीक्षक को कमरे मे बंद कर दिया और फिर उन मशीनो को गायब कर दिया। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और अस्पताल संचालक को अपने साथ थाने ले आई।
यहां यह बता दें कि एक दिन पूर्व शकरस स्थित अस्पताल में एक गर्भवती विवाहिता की मौत हो गई थी। गर्भवती विवाहिता की मौत के बाद परिजनो ने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल मे जमकर हंगामाा काटा था। नगर मे अवैध अस्पताल और अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित होने की खबर प्रमुखता के साथ चलाए जाने के बाद आखिरकार स्वास्थ्य विभाग की नींद खुल गई। मंगलवार को सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर रोहम ने टीम के साथ शकरस स्थित उक्त अस्पताल में छापा मारा तो जांच मे डॉक्टर बिना डिग्री का पाया गया और अस्पताल का भी पंजीकरण नही था जिससे साफ ज़ाहिर होता है कि यह अवैध अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से चलाया जा रहा था।
बताया जाता है कि छापेमारी के दौरान सीएचसी अधीक्षक को वहां दो अल्ट्रासाउंड मशीने भी मिली जिसपर उन्होंने उन मशीनो को कब्जे मे लेना चाहा तो अस्पताल के स्टाफ ने उन्हे कमरे मे बंद कर दिया और उन मशीनो को वहां से कहीं छिपा दिया।
अस्पताल की इस हरकत की खबर जैसे ही पुलिस को लगी तो पुलिस मौके पर पहुंच गई। मौके पर पहुंचने के बाद पुलिस अस्पताल संचालक को उठाकर अपने साथ थाने ले आई। सुरक्षा की दृष्ठि से अस्पताल मे दो कांस्टेबलो को भी तैनात कर दिया गया है। वहीं अस्पताल संचालक ने चिकित्सा अधीक्षक पर आरोप लगाया है कि चिकित्सा अधीक्षक ने बिना रजिस्ट्रेशन अस्पताल चलाने देने और रजिस्ट्रेशन कराने के एवज मे उनसे 5 लाख रुपये लिये थे जिसके बाद ही उन्होंने अस्पताल का संचालन शुरू किया था।
वहीं चिकित्साधीक्षक ने अस्पताल संचालक पर अभद्रता करने और उनको कमरे मे बंद करने का आरोप लगाया है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग और अवैध अस्पताल संचालकों की मिलीभगत का खामियाजा क्षेत्र के भोले भाले मरीजों को चुकाना पड़ रहा है।