झांसी रेलवे स्टेशन से गायब हुआ गरीब के मुंह का निवाला

जनता भोजन की जगह महंगा खाना खरीदने को मजबूर हैं लोग
झांसी:(सुल्तान आब्दी)–झाँसी मंडल के रेलवे स्टेशनों पर इन दिनों यात्रियों को जनता खाना नहीं मिल रहा है। जिससे आम यात्रियों की परेशानी काफी बढ़ गई है। इन दिनों ट्रेनों में भीड़ भी बढ़ रही है। जिससे यात्रियों का अधिकतर समय स्टेशन पर ही गुजर रहा है। लेकिन उन्हें 15 रुपये में मिलने वाला जनता खाना नहीं मिल रहा बल्कि महंगी बिरयानी मिल रही है। इसके चलते मजबूरन उन्हें अन्य खाद्य पदार्थ खरीदकर अपनी भूख मिटाना पड़ रही है। इस स्थिति में आम यात्रियों के लिए सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई रेलवे की जनता खाना योजना यहां दम तोड़ती दिखाई दे रही है।
बताया जाता है कि ठेकेदारों की रुचि इस सस्ते खाने की बिक्री की जगह उच्च श्रेणी में यात्रा करने वालों की 150 रुपए की थाली बेचने में अधिक है। जबकि रेलवे के स्पष्ट नियम हैं कि हर स्टॉल पर जनता खाना की बिक्री आवश्यक रूप से की जाए । लेकिन अधिक मुनाफा कमाने में लगे रेलवे के ठेकेदारों ने जनता खाना स्टॉलों से गायब ही कर दिया है। झाँसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक एक पर बने सभी स्टॉलों पर कहीं भी जनता खाना उपलब्ध नहीं था। यहाँ तक की फूड प्लाजा पर भी जनता खाने के पैकेट उपलब्ध नही हैं।
रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में आर्थिक रूप से कमजोर यात्रियों के लिए रेलवे ने यह सेवा शुरू की थी । उल्लेखनीय है कि जनता खाना की थाली खरीदने वाले सर्वाधिक यात्री सामान्य कोच में सफर करने वाले ही होते हैं, लेकिन खानपान का कारोबार करने वाली कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कह रखा है कि जनता खाना कोई मांगता है तो मना नहीं करना है,बल्कि उनसे यही कहना है कि इसके लिए आपको इंतजार करना होगा।
ये है जनता खाना
स्टेशनों पर यात्रियों को 15 रुपए में जनता खाने के एक डिब्बे में पांच पूड़ी, आलू की सूखी सब्जी, अचार के साथ 2 हरी मिर्च दी जाती हैं। जनता खाना बेचने पर ठेकेदार को मुनाफा कम होता है, लिहाजा वह कुछ पैकेट बेच कर इसे बंद कर देता है।
वरिष्ठ अधिकारी भी लगा चुके हैं फटकार रेलवे स्टेशन पर गरीब यात्रियों के लिए हर स्टाल पर जनता खाना उपलब्ध हो, ऐसे निर्देश समय-समय पर यहां निरीक्षण के लिए आने वाले रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने कई बार दिए हैं। लेकिन देखा जाता है कि जब अधिकारी निरीक्षण करके चले जाते हैं तब स्टॉलों से जनता खाना भी गायब कर दिया जाता है। जिससे आम यात्रियों को महंगा खाना खरीदकर अपनी भूख मिटानी पड़ती है।
महंगा खाने को मजबूर यात्री
यात्रियोंं को रेलवे स्टेशन पर बने रेस्तराँ से महंगा खाना खरीदना पड़ रहा है। रेस्तराँ में 150 रुपए से थाली की शुरुआत है। इसमें 4 रोटी, चावल, सब्जी सलाद मिलती है। इसमें खाने के आइटम के अनुसार रेट हैं। जनता खाना की रेट 15 रुपए है। इसमें 5 पूरी, सब्जी अचार या हरी मिर्च शामिल है।
बहाने बनाते हैं स्टॉल संचालक कोई भी यात्री अगर स्टॉल पर जनता खाने के डिब्बे लेने जाता है तो साफ मना कर दिया जाता है। यात्रियों को स्टॉल पर जनता खाने की बजाय पराठे और छोले की सब्जी और एक हरी मिच 50 रूपए में दी जाती है।
अब स्टेशन के सभी स्टालों पर जनता खाने की जगह बिरयानी के महंगे डिब्बे मिलते हैं जिन्हें हर यात्री खरीद नही पाता। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के आते ही सभी स्टॉलों पर जनता खाना उपलब्ध हो जाता है और उनके जाने के बाद वह भी गायब हो जाता है ।
स्टाल पर जनता खाना मिलना चाहिए। और मिल भी रहा है। अगर किसी स्टॉल पर जनता खाना उपलब्ध नहीं है। तो नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।