जनपद में लम्बित जन-शिकायतों से नाराज़ दिखे जिलाधिकारी

लंबित सन्दर्भो का समयान्तगर्त गुणवत्तापूर्ण निस्तारण न किये जाने के फलस्वरूप जनपत रैंकिंग में गिरावट
मैनपुरी/उत्तर प्रदेश:- जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने कहा कि जन-शिकायतों के त्वरित प्रभावी एवं पारदर्शी निस्तारण हेतु वेब आधारित समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आई. जी. आर. एस.) के माध्यम से जन-शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण कराया जाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। इस उदेश्य से शासन द्वारा ’’मासिक मूल्यांकन’’ के आधार पर रैंकिंग की जाती है। लंबित सन्दर्भो का समयान्तगर्त गुणवत्तापूर्ण निस्तारण न किये जाने के कारण डिफाल्टर संदर्भो की संख्या में निरन्तर वृद्धि होने के फलस्वरूप रैंकिंग में सुधार नहीं हो पा रहा है। जिससे जनपद की छवि धूमिल हो रही है। एक बार डिफाल्टर की श्रेणी में जाने पर जनपद की प्रतिशतता सदैव के लिए प्रभावित होती है। उन्होने कहा कि समीक्षा के दौरान प्रायः देखने में आ रहा है कि जनपद, तहसील, विकास खण्ड, थाना, मण्डी, नगर निकाय स्तरीय अधिकारी प्रतिदिन अपना आई.जी. आर. एस. पोटर्ल लॉगिन नहीं कर रहें हैं। संदर्भ मंकर्म की श्रेणी में बनाये रखते हैं। न तो स्वयं निस्तारण करते है और नाही संबंधित अधिकारी को निस्तारण करने हेतु अग्रसारित किया जाता है। समयान्तगर्त निस्तारण न होने पर संदर्भ डिफाल्टर हो जाता है। माह के अन्तिम दिन ’’संबंधित नहीं’’ लिख कर वापस कर दिया जाता है या ’’अधोहस्ताक्षरी के कायार्लय से संबंधित नही है’’ पोटर्ल पर आख्या अपलोड कर दी जाती है।
श्री सिंह ने कहा कि पोटर्ल पर अन्य विभाग, अधिकारी का संदर्भ लंबित है तो संबंधित विभाग, अधिकारी से सम्पर्क कर निस्तारण की जांच आख्या प्राप्त कर अपने स्तर से अपलोड करायेंगे। पोटर्ल पर प्राप्त होने वाले समस्त संदर्भो का अवलोकन करें। अगर आपसे संबंधित है तभी संदर्भ को कायार्लय स्तर पर लंबित करें। अन्यथा ’’रेड क्रॉस’’ बटन से तत्काल उसे संक्षिप्त टिप्पणी लिखकर वापस करे। समस्या का समाधान न होने पर आई.जी.आर.एस. सेल, ई-डिस्ट्रिक्ट सेल, एन.आई.सी. से सम्पर्क करें। शिकायतकर्ता की समस्या का समुचित समाधान न होने पर शासन द्वारा सन्दर्भ को पुनः गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराये जाने हेतु वापस कर दिया जाता है। सभी सन्दर्भो का समयबद्धता के साथ नियत समयावधि में निस्तारण हो। ताकि डिफाल्टर सन्दर्भो की संख्या में वृद्धि न हो। माह के अन्तिम 02 दिन पूर्व समस्त सन्दर्भो का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण प्रत्येक दशा में कर लिया जाय, उसके उपरान्त भी यदि सन्दर्भ लंबित रहता है। तो संबंधित पटल सहायक का उत्तरदायित्व निधार्रित करते हुये विभागीय कायर्वाही करें यदि अगले माह भी सन्दर्भ डिफाल्टर की श्रेणी में आता है। तो आपका उत्तरदायित्व निधार्रित कर नियमानुसार विभागीय कायर्वाही की जायेगी।