जिलाधिकारी को गौ आश्रय स्थल कोटरा, ब्लॉक मऊरानीपुर के निरीक्षण में मिली अनेक खामियां, की नाराजगी व्यक्त और दिए सुधार लाए जाने के निर्देश

झांसी/उत्तर प्रदेश:(सुल्तान आब्दी)–जिलाधिकारी को गौ आश्रय स्थल कोटरा, ब्लॉक मऊरानीपुर के निरीक्षण में मिली अनेक खामियां, की नाराजगी व्यक्त और दिए सुधार लाए जाने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान रजिस्टर ना उपलब्ध कराए जाने पर लगाई फटकार, तत्काल समस्त रजिस्टर तैयार करने के निर्देश
लंपी बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर गोवंश को तत्काल पृथक करते हुए उसका उपचार करना सुनिश्चित करें
गोवंश सड़क पर विचरण ना करें,
निराश्रित गोवंश को गौशालाओं में संरक्षित किए जाने के दिए निर्देश
सत्यापन/निरीक्षण में ऑन पेपर एवं स्थल पर गोवंश में समानता ना होने पर संबंधित के विरुद्ध होगी कार्यवाही
समस्त नोडल अधिकारी गौशाला का यथासंभव प्रत्येक माह भ्रमण करना सुनिश्चित करें ताकि उनके द्वारा बताई गई गोवंश की संख्या के आधार पर धनराशि गौशाला को आवंटित की जा सके
प्रत्येक गौशाला में पर्याप्त भूसा पानी व साफ-सफाई के साथ कीचड़ मुक्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए,
गौशाला में नर,मादा व बछड़ा तथा बीमार गोवंश को प्रथक-प्रथक ना रखने पर भी सख्त नाराजगी व्यक्त सभी व्यवस्थाएं सुद्धंण करने के दिए निर्देश
गो आश्रय स्थल पर संरक्षित गोवंश का स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करायें,अस्वस्थ व बीमार गोवंश का उपचार प्राथमिकता से किया जाए :- जिलाधिकारी
गौशालाओं के खाते में सीधे धनराशि होगी हस्तांतरित ताकि आय-व्यय में हो पारदर्शिता
झांसी जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने गौ आश्रय स्थल कोटरा विकासखंड मऊरानीपुर का औचक निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि गौवंशो के संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी की है यह योजना मा.मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथामिकताओं में है। अतएव गौशालाओं में निधार्रित क्षमता के अनुसार गौवंश संरक्षण किये जाये, गौशालाओं में जो कमियां है उन्हें एक सप्ताह के अन्दर दूर कर उन्हें सही तरीके से संचालित कराया जाये और उनमें गौवंश संरक्षित किये जायें। गौशालाओं की गहन निगरानी रखी जाये ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गौशाला वार नामित नोडल अधिकारी का दायित्व है कि नामित नोडल अधिकारियों द्वारा गौशाला का सत्यापन किया जाए एवं उनके द्वारा बताई गई गोवंश की संख्या के आधार पर ही गौशाला को धनराशि हस्तांतरित की जानी है, अतः नोडल अधिकारी भली प्रकार से यथासंभव प्रत्येक माह गौशाला का भ्रमण करें ताकि उनके द्वारा बताई गई गोवंश की संख्या के आधार पर धनराशि गौशाला को आवंटित की जा सके।उन्होंने कहा कि गौशालाओं के खाते में अब सीधे धनराशि हस्तांतरित की जाएगी।
उन्होंने गौशाला का निरीक्षण व सत्यापन के दौरान निधार्रित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए परंतु मौके पर निर्धारित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा सकी,उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि सत्यापन के दौरान यह पाया जाता है कि ऑनलाइन पेपर गोवंश अधिक है एवं स्थल गोवंश कम पाए जाते हैं तो संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि एक पंजिका बनाकर उसमें प्रतिदिन पकड़े गए गोवंश की संख्या, मृत गोवंश की संख्या एवं सहभागिता में दिए गए गौवंश की संख्या के साथ गौ शाला में उपलब्ध गोवंश की संख्या अवश्य अंकित की जाए।
उन्होने कहा निराश्रित गौवंशो पर भी कड़ी नजर रखी जाये और उन्हें गौशालाओं में संरक्षित किया जाये। गौशाला में बरसात के मौसम में कीचड़ की स्थिति से निपटने के लिए गौशालाओं में बालू डलवाने हेतु एक निर्धारित रोस्टर बनाकर सचिव/ लेखपाल की उपस्थिति में बालू डलवाई जाए इसमें जिला खनिज अधिकारी से समन्वय स्थापित कर नियमों का अनुपालन कराया जाए। समस्त जिलाधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी द्वारा इस संबंध में समस्त लेखपाल और सचिव के साथ बैठक सुनिश्चित कर ली जाए।इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाये इसका अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। उन्होंनें कहा कि जिन गौशालाओं में बाउंड्री टूटी है वहां पर बांस की जाली लगाकर वैकल्पिक व्यवस्था की जाये ताकि गौशाला के अन्दर कोई अन्य जानवर न जा सके।
जिलाधिकारी ने गौशाला का भ्रमण करते हुए नर, मादा ,बछड़ा बीमार गोवंश को प्रथक-प्रथक ना रखे जाने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि पूर्व में दिए गए आदेशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है यह उचित नहीं है। उन्होंने तत्काल सभी को प्रथक प्रथक रखने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने गौ शाला में उपलब्ध गोबर के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट का भी निर्माण किए जाने के निर्देश दिए
जिलाधिकारी ने गौवंश आश्रय स्थलों पर प्रकाश की व्यवस्था , पीने के पानी, निरीक्षण पंजिका की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों से कहा कि पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था हेतु गौशालाओं के पास चरागाह की खाली पड़ी जमीन पर हरा चारे बुवाई की व्यवस्था करायी जाये। उन्होंने उपयुक्त गुणवत्ता का भूसा क्रय किए जाने के निर्देश दिए और कहा कि संभव हो तो संबंधित भूसा आपूर्तिकर्ता के साथ बैठक कर ली जाए।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी मऊरानीपुर मृत्युंजय नारायण मिश्रा, खण्ड विकास अधिकारी मऊरानीपुर गणेश वर्मा, ग्राम सचिव ग्राम प्रधान सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।