June 24, 2025

विभिन्न चुनौतियों के समाधान के लिये दो दिवसीय संगोष्ठी सुफलाम का आगाज आज

 विभिन्न चुनौतियों के समाधान के लिये दो दिवसीय संगोष्ठी सुफलाम का आगाज आज

झांसी/उत्तर प्रदेश:(सुल्तान आब्दी)–रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सुफलाम -2022 का आयोजन उप निदेशक भा. कृ .अ .प .नई दिल्ली के मुख्य आतिथ्य में 24 व 25 सितंबर को किया जाएगा। अध्यक्षता केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसके चतुर्वेदी करेंगे।


कार्यक्रम संयोजक/प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. एस.एस. सिंह ने बताया कि रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय का चयन सुफलाम के आयोजन लिये किया गया है। यह बड़े गौरव की बात है क्योंकि इसमें देश के कोने-कोने से लोग झाँसी आ रहे हैं, जो दो दिन विश्वविद्यालय में ही रहकर इस आयोजन में अपनी सहभागिता देंगे। सुफलाम का उद्देश्य बुंदेलखण्ड के खेती की मिट्टी को उर्वर तथा टिकाऊ बनाये रखने के प्रयासों पर चर्चा करना है। सुफलाम का अर्थ पौधों, फलों एवं फूलों से भरी धरती है। पंचमहाभूत पांच मूल तत्वों का एक समूह है। ये तत्व है-भूमि, जल, अग्नि, वायु व आकाश भूमि (घरा) सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है, जो न केवल भोजन, चारा और रेशा उत्पादन के लिए बल्कि स्थानीय, क्षेत्रीय और वैश्विक पर्यावरणीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है। बुंदेलखण्ड में खेती की मिट्टी को अधिक उर्वर एवं उपजशील बनाकर टिकाऊ रखना एक चुनौती है। इन्हीं उद्देश्यों को केंद्र में रखते हुए रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय किसान संघ के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली , बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी तथा भारतीय चरागाह और चारा अनुसंधान संस्थान झाँसी के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय संगोष्ठी ‘सुफलाम-2022’ का आयोजन 24-25 सितंबर
को झाँसी में किया जा रहा है। इसमें देश के प्रमुख नीति निर्माताओं, शिक्षक, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं,किसानों और अन्य हितधारक भाग लेंगे तथा प्रतिभागियों द्वारा उत्पन्न विचार उन नीतियों को तैयार करने के लिए सहयोग कर सकेंगे जो भूमि और मिट्टी की सेहत के क्षरण को रोकने एवं बुंदेलखंड की कृषि नीतियों को परिभाषित करेंगे।
कुलपति डॉ. एस के चतुर्वेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा सुफलाम को बड़े उत्साह के साथ आयोजित किया जा रहा है। इसमें भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष दिनेश डी कुलकर्णी, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के उपमहानिदेशक डॉ. एस के चौधरी, डॉ. एन.सी. गौतम पूर्व कुलपति चित्रकूट बतौर अतिथि उपस्थित रहेंगे। साथ ही देश के विभिन्न संस्थान के निदेशक, पूर्व निदेशक विभागाध्यक्ष वैज्ञानिक, किसान एवं अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नीति निर्माताओं, शिक्षक, वैज्ञानिकों, किसानों और अन्य हितधारकों के विचारों का आदान-प्रदान किया जायगा। बुंदेलखण्ड की कृषि नीतियों को परिभाषित किया जायगा। यह आयोजन विभिन्न चुनौतियों के समाधान के लिये एक मंच रहेगा।

Bureau