June 23, 2025

स्वाधीनता आंदोलन में शमशाबाद गांव योगदान अविस्मरणीय-प्रदीप सारंग

 स्वाधीनता आंदोलन में शमशाबाद गांव योगदान अविस्मरणीय-प्रदीप सारंग

अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले अमर शहीद बाकर सिंह रावत के बलिदान से प्रेरणा लें युवा-रत्नेश कुमार

बाराबंकी/उत्तर प्रदेश:(आज़मी रिजवी)–स्वाधीनता संग्राम में विकास खण्ड मसौली के शम्साबाद गांव के त्याग-बलिदान की गाथा रोंगटे खड़े कर देने वाली है।बाकर सिंह रावत की वीरता और बलिदान नई पीढ़ी के लिए न सिर्फ गौरवशाली है बल्कि प्रेरणादायक भी है।उक्त विचार आजादी के अमृत महोत्सव अन्तर्गत शमसाबाद ग्राम में आयोजित प्रथम स्वाधीनता संग्राम के अमर महानायक बाकर सिंह रावत के स्मृति समारोह में अवधी अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष प्रदीप सारंग ने व्यक्त किये।भावांजलि कार्यक्रम मे समाजसेवी चाइल्ड लाइन के निदेशक रत्नेश कुमार ने कहाकि इतिहास विजेताओं का होता है,ऐसे तमाम गुमनाम है जिन्होने आजादी के यज्ञ मे अपनी आहूति दी है।

उनमे से शमशाबाद निवासी शहीद बाकर सिंह रावत है जिन्होने जहांगीराबाद स्टेट पर आक्रमण करने आयी अंग्रेजी फौजो के 56 सिपाहियों को मौत के घाट उतारकर अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए थे।इस घटना के प्रतिशोध में अंग्रेजी फौज ने गांव के सभी लोगों को तोप से उड़ा दिया था।

आज उनके बलिदान को यादकर गांववासी गौरव की अनुभूति कर रहे है।कार्यक्रम के संयोजक शमशाबाद निवासी दिनेशचंद्र रावत ने कहाकि आजादी के आंदोलन मे शमशाबाद गांव के बलिदान को भुलाया नही जा सकता है।कार्यक्रम में गांव के निवासी बुजुर्ग शांति स्वरूप ने बाकर सिंह की प्रचलित घटनाओं को बताया।

कार्यक्रम का संचालन सुशील रावत ने किया।इस अवसर पर अमरेश बहादुर,गंगाराम,सहदेव प्रसाद,पूर्व जिप सदस्य गीता रावत, विनय कुमार रावत आदि सैकड़ों महिला पुरूष उपस्थित रहे।इस मौके पर गांव में तिरंगा यात्रा निकाली गई।

Bureau