बेशर्म पत्रकार उतरे देह व्यापार की दलाली में

पत्रकार संगठन ऐसे पत्रकारों का नहीं करेंगे सहयोग
जिला प्रशासन को भी चाहिए कि ऐसे लोगों की गोपनीय जांच करा कर कार्यवाही करे
झांसी/उत्तर प्रदेश:(सुल्तान आब्दी)– पत्रकार समाज का वह आईना होता है जो मजबूर और मजलूम की आवाज को न्याय दिलाने में एड़ी चोटी का जोर लगा देता है। अपनी कलम की ताकत से सच्चाई लिख कर पीड़ितों को न्याय दिलाता है। इसीलिए वह चैथा स्तंभ कहलाता है। परंतु जब यही पत्रकार जुआ, सट्टा, शराब और इससे भी बढ़कर देह व्यापार की दलाली में खुद शामिल हो जाए तो ऐसे पत्रकारों को किस नाम से पुकारा जाए जिनकी वजह से पूरा पत्रकार समाज कलंकित हो रहा है।
आजकल महानगर के चैराहों पर पत्रकारों की काली करतूतों के चर्चे जोरों पर है। जुआ, शराब सहित अन्य अनैतिक कार्यों से धन वसूली की चर्चाएं तो आम बात हो गई है, पर अब तो हद से भी ज्यादा घिनौनी हरकतें पत्रकारों के द्वारा की जा रही हैं। इन्हें तथाकथित भी कहना उचित नहीं है, क्योंकि यही पत्रकार किसी ना किसी प्लेटफार्म से जुड़कर अनैतिक कार्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। जो जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है उसमें एक कड़वा सच निकल कर सामने आया है।
मामला कुछ दिन पूर्व का है। महानगर के जब एक पत्रकार साहब एक देह व्यापार के अड्डे पर पहुंचते हैं और फिर एक महिला के साथ अपना मुंह काला करने के बाद उससे पैसे भी मांगते हैं, जब महिला पैसे देने से इंकार करती है तो है पत्रकार साहब बड़े जोशीले अंदाज में बेशर्मी की हदें पार करते हुए उससे कहते हैं कि हमारा ख्याल रखो तो नए ग्राहक लाने की जिम्मेदारी हमारी परन्तु यह पत्रकार यह नहीं समझते कि कौन महिला और युवती किस मजबूरी के कारण यह देह व्यापार के दलदल में उतरी है। इसी क्रम में महानगर के एक और पत्रकार शामिल हो गए हैं। सुनने में आ रहा है कि देह व्यापार करने वाली एक महिला के साथ जब वह अपनी रातें रंगीन कर रहे थे इसी दौरान किसी ने पत्रकार साहब का वीडियो बना लिया, जिसकी वजह से पत्रकार साहब आज कल बहुत टेंशन में घूम रहे हैं। ऐसे ही पत्रकारों की वजह से पत्रकारिता की साख गिरी है। इन तथाकथितों के कारण पूरे पत्रकार समाज को लोग हीन भावना व तुच्छ दृष्टि से देखते हैं पर इन बेशर्मों को ना अपनी इज्जत और मान सम्मान की परवाह है ना ही पत्रकार जगत के सम्मान की। ऐसे पत्रकारों को किसी भी पत्रकार संगठन में स्थान नहीं मिलना चाहिए।
वहीं पत्रकार संगठनों के बड़े पदाधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस तरह के कामों में जो भी संलिप्त पाया जाता है हमारे संगठन उसका साथ बिल्कुल नहीं देंगे जिससे पत्रकारिता कलंकित हो सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जनपद का प्रशासन भी ऐसे बहुरुपियों के खिलाफ अभियान नहीं चलाता है जिसके कारण ऐसे लोगों के हौंसले बुलंद हैं और पत्रकारिता को लगातार शर्म सार कर रहे हैं।