जिलाधिकारी की अध्यक्षता में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक संपन्न, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश।

रामपुर/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता आफाक अहमद खान)–जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं कि अधिकारी निर्धारित समय पर अपने कार्यालयों में उपस्थित रहकर आमजन की समस्याओं और शिकायतों की सुनवाई करें तथा उनका गुणवत्ता पूर्ण तरीके से समाधान कराएं।

विभागीय योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए नियमित रूप से फील्ड विजिट भी करें। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशों का सख्ती से अनुपालन होना चाहिए इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कठोरतम कार्रवाई की जाएगी, इसलिए अधिकारी अपने विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रति गंभीरता दिखाए और कार्यों को गति प्रदान करें।

बैठक में मौजूद सभी एसडीएम को भी जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि वे जमीनी विवादों के समाधान में किसी भी तरह की लापरवाही न करें और शासन द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण के लिए समय-समय पर आवश्यकता के अनुरूप जमीनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की अपेक्षा की जाती है जिन पर समयबद्ध कार्यवाही अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि विभागों के स्तर से अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका में कोई कमी न रहे ताकि आमजन को शासन की मंशा के अनुरूप पात्रता के अनुसार योजनाओं का लाभ मिले और जनहित के कार्यों को गति मिले।

जनपद में लघु सिंचाई और मनरेगा की टीम की सक्रिय भागीदारी से सभी विकास खंडों को डार्क जोन से बाहर निकालने में मदद मिली है इस पर जिलाधिकारी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सहायक अभियंता लघु सिंचाई जितेंद्र सैनी की सराहना की साथ ही निर्देशित किया कि आगामी वित्त वर्ष के दौरान जनपद में जल संरक्षण की दिशा में कराए जाने वाले कार्यों का प्लान अभी से तैयार कराएं ताकि आगामी वित्त वर्ष में उन सभी पूर्व निर्धारित कार्यों को अमलीजामा पहनाया जा सके।

सहायक अभियंता ने बताया कि इस वर्ष बिलासपुर में दो और मिलक में दो चेक डैमों का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें से दो चेक डैम पर कार्य प्रगति पर है।जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि चेक डैम के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए और तय समय सीमा के भीतर पूर्ण कराने के लिए किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जनपद के सभी चेक डैम का निरीक्षण करके क्षतिग्रस्त चेक डैमों की सूची तैयार होनी चाहिए ताकि उनके सुदृढ़ीकरण और मरम्मत हेतु कार्य योजना तैयार की जा सके।
जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए तथा विभागीय कार्य योजना तैयार करने के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि आमजन की आजीविका को बेहतर बनाने और उनके जीवन स्तर को उच्च करने के लिए जो भी सकारात्मक प्रयास किए जा सकते हैं उन्हें भी कार्य योजना में शामिल किया जाए।
जनपद में नहरों की शिल्ट सफाई कार्य की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम से शिल्ट सफाई के निरीक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा कहा कि नहरों में पानी की उपलब्धता रोस्टर के अनुसार बनी रहे ताकि किसानों को सिंचाई के लिए किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
विद्युत विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार किसानों के सिंचाई वाले कनेक्शन नहीं काटे जाने हैं इसलिए अधिकारीगण निर्देशों का गंभीरतापूर्वक पालन करें।
विद्युत वितरण को लेकर तहसील बिलासपुर क्षेत्र में प्रस्तावित नए प्रोजेक्ट की स्थापना में उदासीनता बरतने और भूमि की उपलब्धता के लिए एसडीएम से समन्वय स्थापित न करने पर अधिशासी अभियंता विद्युत बिलासपुर को जिलाधिकारी ने चेतावनी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जनपद में संचालित उद्योगों को विद्युत आपूर्ति में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए, यदि ऐसी शिकायतें सामने आती हैं और लापरवाही की पुष्टि होती है तो गंभीर कार्रवाई होगी।
कृषि विभाग की प्रगति के बारे में जानकारी के दौरान जिलाधिकारी ने जिला कृषि अधिकारी और एआर कोऑपरेटिव से जनपद में खाद की उपलब्धता के बारे में पूछा तथा कहा कि जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए जिले में साठा धान की बुवाई को प्रतिबंधित करने की जरूरत है इसलिए कृषि विभाग के अधिकारी साठा धान प्रतिबंधित कराने के लिए नियमानुसार कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने फसल विविधीकरण के फायदे और इससे खेत की उर्वरक क्षमता में वृद्धि को लेकर किसानों को जागरूक करने के लिए भी कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में संचालित गौशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त प्रबंध रहे साथ ही चारा की भी उपलब्धता बनी रहनी चाहिए।
संबंधित एसडीएम और खंड विकास अधिकारी गौशालाओं का औचक रूप से निरीक्षण करें और निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को प्राथमिकता के साथ दूर कराएं। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में निष्प्रयोज्य सार्वजनिक बिल्डिंगों की सूची तैयार कराई जाए ताकि ऐसी निष्प्रयोज्य सार्वजनिक बिल्डिंगों को ध्वस्त करा कर अन्य जनहित से जुड़े भवनों का निर्माण कराया जा सके।
पूर्ति विभाग के अंतर्गत जनपद में रिक्त 11 दुकानों के आवंटन के बारे में भी उन्होंने एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने आइजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रतिदिन पोर्टल पर मॉनिटरिंग करें। शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण समाधान में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नंदकिशोर कलाल, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व हेम सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन लालता प्रसाद शाक्य और जिला विकास अधिकारी अश्वनी कुमार मिश्रा सहित समस्त एसडीएम एवं अन्य संबंधित अधिकारी गण मौजूद रहे।