August 9, 2025

ईद-उल अजहा की तैयारियां तेज, कुर्बानी के लिए सजी बकरों की मंडी

 ईद-उल अजहा की तैयारियां तेज, कुर्बानी के लिए सजी बकरों की मंडी

बरेली:(वसीम अहमद)– ईद-उल अजहा (बकराईद) की तैयारियां तेज होने के साथ ही कई जगह कुर्बानी के जानवरों की खरीद-फरोख्त जोरों पर है। इसके अलावा बकरों की बिक्री आनलाइन भी हो रही है। शहर में कई जगहों पर लोग कुर्बानी कराने की जगह जानवर की कीमत में अपने हिस्से का पैसा देकर कुर्बानी में हिस्सा ले रहे हैं। कुर्बानी में हिस्से के लिए कई जगहों पर संस्थाएं अपने कैंप भी लगाती हैं। शहर में अनेक जगहों पर बकरों की मंडी लगने लगी है। इस बार बकरों के दाम में काफी तेजी दर्ज की जा रही है। गत वर्ष जो बकरा सात से आठ हजार में मिल रहा था। वह इस बार 10 से 12 हजार में बिक रहा है, जबकि बकरों की कीमत लाखों तक में है। इसके अलावा कुर्बानी के अन्य जानवरों की भी खरीद-फरोख्त हो रही है। कुर्बानी के लिए बकरा मंडी भले ही सज रही हों, इसके अलावा आनलाइन पर भी लोग काफी संख्या में खरीदारी में जुटे हैं,आपको बता दें कुर्बानी पूरी तरह स्वस्थ जानवर की होती है, बकरीद मे ऐसे जानवर की कुर्बानी नहीं दी जा सकती जिसमें कोई शारीरिक बीमारी या भैंगापन हो, सींग या कान का अधिकतर भाग टूटा हो या जो शारीरिक तौर से बीमार हो, कम-से-कम उसे दो दांत यानि एक साल या फिर चार दांत का होना चाहिए। कुरान में कहा गया है कि अल्लाह के पास हड्डियां, मांस और खून नहीं पहुंचता। बल्कि कुर्बानी का जज्बा देखा जाता है, इसलिए ईद उल अजहा पर जानवर की कुर्बानी महज प्रतीक मात्र है।

कुरवानी के होते है तीन हिस्से

ईद-उल अजहा की नमाज के बाद कुर्बानी की जाती है। कुर्बानी के बाद मांस के तीन हिस्से होते हैं। एक खुद के इस्तेमाल के लिए, दूसरा गरीबों के लिए और तीसरा हिस्सा रिश्तेदारों के लिए होता है। जिनके पास 613 से 614 ग्राम चांदी या इतनी चांदी की कीमत के बराबर धन पास हो उस पर कुर्बानी फर्ज है। कुर्बानी देने वाले पर उस समय कर्ज नहीं होना चाहिए। इतवार को मनाया जाएगा ईद-उल अजहा का त्योहार ।

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