दार्शनिक क्रांतिकारी जतीन्द्रनाथ मुखर्जी उर्फ बाघा जतीन

News:–दार्शनिक क्रांतिकारी जतीन्द्रनाथ मुखर्जी उर्फ बाघा जतीन का जन्म 7 दिसम्बर 1879 को हुआ था। बंगाल विभाजन के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ आन्दोलन की राह पकड़ी।1910 में जतीन्द्रनाथ ‘हावड़ा षडयंत्र केस’ में गिरफ़्तार हुए।जेल से निकल वह ‘अनुशीलन समिति’ के सदस्य बने और ‘युगान्तर’ का कार्य संभालने लगे।कलकत्ता में बन्दूक कारतूस का व्यापार करने वाली ‘राडा कम्पनी’ की एक गाडी क्रांतिकारियों ने गायब कर दी जिसमे उन्हें 52 पिस्तौलें और 50 हज़ार गोलियाँ प्राप्त हुई थीं।’बलिया घाट’ तथा ‘गार्डन रीच’ की डकैतियों के बाद 1 सितम्बर,1915 को पुलिस ने जतीन्द्रनाथ को ढूंढ़ निकाला।बालासोर के ज़िला मजिस्ट्रेट किल्वी के नेतृत्व में पुलिस और क्रांतिकारियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुयी जिसमे कई शहीद हो गए।गोलियों से छलनी जतीन्द्रनाथ को गिरफ्तार कर पुलिस ने अस्पताल में दाखिल किया जहां 10 सितम्बर,1915 को वे सदा के लिए अमर हो गए।