August 11, 2025

अक्षुण्य रहेगी पारस्परिक संस्कृति हमारी, कल कल निनाद करती रहेगी,हिंद में गंगा जमुनी तहज़ीब.

 अक्षुण्य रहेगी पारस्परिक संस्कृति हमारी, कल कल निनाद करती रहेगी,हिंद में गंगा जमुनी तहज़ीब.

प्रस्थान-तिथि :मकबूल फिदा हुसेन

दिल्ली:( जनार्दन यादव,पूर्व सीमा रक्षा बल)–सिनेमा के पोस्टर बनाते थे मकबूल।डॉ लोहिया की निगाह में आये। साथ बिठाये।बतकही की।लोहिया को कुछ दिखा उसमे। हिंदी की पत्रिका कल्पना में काम दिलवाया।पेंटिंग आगे बढ़ी। लोग पहचानने लगे। लोहिया ने कहा-राम पर एक सीरीज बनाओ। भारत है, मकबूलियत मिलेगी। 100 पेंटिंग बना दी राम पर।आज भी पड़ी है हैदराबाद संग्रहालय में। हुसेन साहब के मुताबिक एक-एक करोड़ की है।

मकबूल हो गये हुसेन!


आप जानते हैं, हुसेन नंगे पांव चलते थे। कभी बड़े होटलों में रोके गये…कभी दूतावासों में..तो कभी अंतरराष्ट्रीय जहाजों के गेट पर।
जानते हैं, क्यो नही पहनते थे जूट -चप्पल?


नही जानते तो बताता हूँ। हुसेन को उनके एक साहित्यिक दोस्त ने बताया कि हिंदी के मशहूर कवि-आलोचक मुक्तिबोध की मृत्यु हो गयी है, उनकी अंत्येष्टि है। हुसेन ने अंत्येष्टि में शामिल होने की इच्छा जाहिर की और चल पड़े। शामिल हुए। तभी उपस्थित जनों में से किसी ने हुसेन के पांवों में पड़े चप्पलों की तरफ ध्यान दिलाते हुए बताया कि मरनेवाले को सम्मान देने के लिए मसान में नंगे पांव जाया जाता है।
हुसेन को ग्लानि हुई। उन्होंने पांव के चप्पल वही दूर फेंक दिये और प्रण किया कि इसका प्रायश्चित यही है कि अब, ताउम्र वो जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे। उन्होंने ताउम्र इसका निर्वाह किया।
राम की सौ पेंटिंग की श्रृंखला…हिन्दी कवि मुक्तिबोध के सम्मान में आजीवन नंगे पांव रहना…उसकी अभूतपूर्व मकबूलियत –इस कृतघ्न देश ने कुछ नहीं देखा। मुल्क़ से निकाल दिया हुसेन को।आखिरी सांस लेने के लिए वतन की हवा मयस्सर न हुई। इन्ही फ्रिंज एलिमेंट्स ने उन्हें खदेड़ दिया और वो बित्ते भर का मुल्क़ कतर चले गये,वहीं मर गये..कफना-दफना दिये गये।

राम की सौ पेंटिंग की सीरीज…हिंदी के एक हिन्दू कवि के प्रति अजाने में हो गये अवमान-बोध से मुक्ति के लिए ताउम्र नंगे पांव रहने का कठोर संकल्प और पेंटिंग की दुनिया मे अपनी अंतरराष्ट्रीय ख्याति –सब भारत को सौंपकर दुनिया छोड़ गये हुसेन ।

  तुम्हें  कूची को फिल्मी पोस्टरों  से  निकालकर बड़े कैनवास के सामने लोहिया ने  खड़ा किया था, इसीलिए तुम फ्रिंज एलिमेंट्स वाले भारत के नही, हमारे भारत की थाती हो।हमारे पुरखे हो तुम और हमेशा रहोगे!

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