बाल दिवस के अवसर पर स्कूलों में हुए विभिन्न कार्यक्रमों में पहुंचे डॉ. संदीप सरावगी का बच्चों ने पुष्पवर्षा कर किया जोरदार स्वागत

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ खेलकूद नितान्त आवश्यक है: डॉ. संदीप सरावगी
झांसी/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता सुल्तान आब्दी)– बाल दिवस के मौके पर हुए स्कूलों में हुए विभिन्न कार्यक्रम। मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे वरिष्ठ समाज सेवी डॉ. संदीप सरावगी बच्चों ने पुष्प वर्षा कर किया जोरदार स्वागत सर्वप्रथम भानु देवी गोयल स्कूल पहुंचे वरिष्ठ समाज सेवी डॉ. संदीप सरावगी को पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। इसके पश्चात बच्चों द्वारा लगाये गए खाने के विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के स्टॉल पर जाकर डॉ. संदीप सरावगी ने बच्चों द्वारा बनाये गये व्यंजनों का स्वाद लिया। जिनमे सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहा कॉमर्स चाय वाला।
बच्चों द्वारा बनायी चाय की चुस्की से डॉ. संदीप सरावगी का दिल गद-गद हुआ। डॉ. संदीप सरावगी ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाये दी। इसके बाद न्यू ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल शिवाजी नगर पहुँचे वरिष्ठ समाज सेवी डॉ. संदीप सरावगी का प्रवेश द्वार से बच्चों ने पंक्ति बनाकर पुष्प वर्षा एवं जिन्दाबाद के नारों किया जोरदार स्वागत। डॉ. संदीप सरावगी ने बच्चों को संबोधित करते हुए भरोसा दिलाया कि बच्चों की पढ़ाई, फीस, ड्रेस संबंधी किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न नही होने देंगे इस बात का बच्चों को भरोसा दिलाया
डॉ. संदीप सरावगी ने कहा कि बाल दिवस के रूप में मनाया जाने वाला बच्चों का ये खास दिन देश के सभी बच्चों के लिए विशेष है। बच्चों का मन पवित्र और सच्चा होता है। हम कहते भी हैं कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं। कोई बच्चा जब अपने जीवन की कच्ची उम्र में होता है, तो उसे हम जैसा समझाते हैं वो वैसा ही समझता है। हर माता-पिता अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं और अपने बच्चों की खुशी के लिए वह अपने दुख को भूल जाते हैं। एक शिक्षक के लिए उसके छात्र ही उसके अपने बच्चों की तरह होते हैं, जिन्हें वह अच्छी से अच्छी शिक्षा देकर जीवन के सही मार्ग पर चलना सिखाते हैं। मगर हमारे देश में आज भी न जाने कितने बच्चे ऐसे हैं जो अनाथ हैं और सही मार्ग से भटके हुए हैं। हमें ऐसे बच्चों की तरफ अपना ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है।
बाल दिवस का महत्त्व बहुत ही बड़ा और गहरा है। बाल दिवस के महत्त्व को हम बाल विकास से जोड़कर देख सकते हैं और बाल विकास को हम देश के विकास से जोड़ सकते हैं। बाल दिवस का महत्त्व बताता है कि हमें बच्चों के साथ किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए। हमें दूसरों के बच्चों को और उन बच्चों को जो अनाथ होते हैं, उसी तरह से समझाना और प्यार करना चाहिए, जिस तरह हम अपने बच्चों को समझाते और प्यार करते हैं। बच्चों का मन बहुत ही चंचल और कोमल होता है।
हमारे द्वारा की गई कोई भी छोटी सी बात उनके दिमाग पर बहतु बड़ा असर डालती है। इसलिए हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि हम बच्चों के सामने कुछ भी ऐसा न बोलें या करें जो उनके आने वाले भविष्य को प्रभावित करे। हमें बच्चों को दिए जाने वाले ज्ञान और संस्कारों पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास का भी ध्यान रखना चाहिए। बच्चों का सही विकास ही हमारे देश के सही विकास होगा।
बाल दिवस अवसर है बच्चों के साथ फिर से बच्चा बनने का और उन्हें प्यार करने का। हमें बच्चों को समझाने के साथ-साथ उन्हें भी समझना चाहिए। बच्चों के लिए चाचा नेहरू कहा करते थे कि “बच्चे बगीचे में कलियों की तरह हैं और उनका ध्यान से और प्यार से लालन पालन किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश के भविष्य और कल के नागरिक हैं इस अवसर पर संघर्ष सेवा समिति के जिलाध्यक्ष अजय राय, महेन्द्र रजक, सुशांत गेंडा, राकेश अहिरवार, बसन्त गुप्ता, संदीप नामदेव, महेंद्र रायकवार सहीत समस्त सदस्य मौजूद रहे