ओमप्रकाश राजभर का बसपा – सपा पर हमला, कहा दोनों दलितों,पिछड़ों का दुश्मन

विधायक पल्लवी पटेल के बयान पर ओपी राजभर ने कहा
परिवार की फूट विनाश का कारण बनती है
अखिलेश यादव और बहन कुमारी मायावती जी यह दोनों खुद आपस में दुश्मन हैं -ओपी
गाज़ीपुर/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता एकरार खान)– जहां सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर कल गाजीपुर की जहुराबाद विधान सभा में पहुचे थे। जहां पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी को पिछड़ों और दलितों का असली दुश्मन बताया है। वहीं ओमप्रकाश राजभर ने सिराथू से सपा विधायक पल्लवी पटेल के हालिया बयान पर की सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट होकर भाजपा का सामना करना चाहिए का जवाब देते हुए कहा कि परिवार की फूट विनाश का कारण बनती है हालांकि उन्होंने पलवी पटेल के इस विचार का स्वागत भी किया और कहा कि उनकी सोच अच्छी है दुर्भाग्य है पिछड़े और दलितों की दुहाई देने वाले जो बड़े नेता हैं माननीय अखिलेश यादव और बहन कुमारी मायावती जी यह दोनों खुद है आपस में दुश्मन हैं और लड़ रहे हैं अगर यह दोनों दलित और पिछड़ों के हितैषी हैं तो एक क्यों नहीं हो जाते यह दोनों जिसको ठीक समझते ले लेते और नहीं तो इन दोनों के पास उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने भर का वोट है लेकिन इसका नुकसान किसको भरना पड़ता है 69 हजार शिक्षक भर्ती को देख लीजिए, किस का नुकसान हुआ पिछले दलित का चाहे डिग्री कॉलेज में चाहे विश्वविद्यालय में जो नियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर की हो रही है किसका नुकसान हो रहा है पिछड़े दलित का कौन जिम्मेदार है मायावती और अखिलेश जी यह दोनों पूर्व मुख्यमंत्री हैं दोनों इकट्ठे होते एक साथ लड़ते पल्लवी को बुलाते चाहे जिसको बुलाते हैं यह स्वाभाविक है कि यह दोनों पहले एक हो जाते और इकट्ठा चलते तो जिस को बुलाते वह साथ चलता। वहीं कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर अखिलेश यादव के हालिया बयान की भाजपा और कांग्रेस एक है पर ओमप्रकाश राजभर ने प्रतिक्रिया दी की जन नेताओं की जरूरत होती है तो उन दोनों का समझौता हो जाता है जब जरूरत पड़ी थी तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ी थी यह तो जगजाहिर है अब कांग्रेस की जरूरत नहीं है तो भाजपा और कांग्रेस एक ही है बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी एक होकर चुनाव लड़े थे जगजाहिर है दोनों समाज के हितेषी हैं लेकिन आज दोनों आपस में दुश्मन हैं।
लखनऊ समाजवादी पार्टी के बाहर वायरल हो रहे पोस्टर के ओमप्रकाश राजभर का समाजवादी पार्टी में आना सख्त मना है पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देखिए समाजवादी पार्टी की सरकार में प्रमोशन में आरक्षण किसने खत्म किया समाजवादी पार्टी की सरकार ने मुलायम सिंह जी मुख्यमंत्री थे लेकिन उसके बाद अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने इस आदेश को रद्द किया नहीं किया, हाई कोर्ट ने 4 सितंबर 2013 को एक आदेश दिया कि पिछड़े वर्ग के जो 27% आरक्षण है उसका लाभ 12 जातियां उठा रही है इसको बांटकर उत्तर प्रदेश की सरकार व्यवस्था बनावे कि सब को उसका लाभ मिले, उस समय मुख्यमंत्री कौन था माननीय अखिलेश यादव जी लेकिन इसको नहीं किया 15 सितंबर 2013 को ही फिर आदेश आता है कि गरीब का बेटा और अमीर का बेटा एक साथ ही उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पड़ेंगे इसकी व्यवस्था उत्तर प्रदेश सरकार करें, नहीं किया, है प्रमाण ना इस बात को कौन बोल रहा है, ओमप्रकाश राजभर, मायावती जी ने पिछड़े और दलित महापुरुषों के नाम से जिलों का नाम बनाया तो उस नाम को बदला किसने माननीय अखिलेश यादव जी ने, है ना प्रमाण। तरफ तो आप लोग कह रहे हो कि पिछड़े और दलित के हम दुश्मन हैं और आप लोग क्या कर रहे हो पहले आप लोग इकट्ठा हो जाओ कभी दलितों और पिछड़ों का भला होगा, इस बात को अकेले ओमप्रकाश राजभर उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता के सामने सीना ठोक कर कहता है।