डीएम की अध्यक्षता में एफपीओ एवं जिलास्तरीय परियोजना प्रबन्धन इकाई की बैठक सम्पन्न किसानों की आय में वृद्धि के लिये सदस्य संख्या बढ़ाकर कृषक हित में कार्य करें एफपीओ

अलीगढ़/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता जेड ए खान)- जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में कृषक उत्पादन संगठन एवं जिलास्तरीय परियोजना प्रबन्धन इकाई के साथ जनपद स्तर पर बैंकर्स की बैठक का आयोजन किया गया। डीएम ने सामान्य भाषा में एफपीओ परिभाषित करते हुए कहा कि एफपीओ यानि किसान उत्पादक संगठन। किसानों का ऐसा समूह जो कम्पनी एक्ट में पंजीकृत होता है और कृषि उत्पादक कार्यों को आगे बढ़ाता है। उन्होंने एफपीओ की महत्ता के बारे में भी जानकारी देते हुए कहा कि एफपीओ का उद्देश्य बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करने के साथ किसान को उसकी उपज का अधिक से अधिक मूल्य उपलब्ध कराना है। उन्होंने एफपीओ को निर्देशित किया कि जैविक खाद का उपयोग करते हुए जैविक उत्पादन को बढ़ावा दें। परम्परागत खेती के साथ ही औद्यानिक खेती एवं मोटे अनाज की पैदावार कर अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। बैठक में उप कृषि निदेशक यशराज सिंह ने अवगत कराया कि जनपद में कुल 22 एफपीओ संचालित हैं, जिनके द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्य किये जा रहे हैं, और इन्हें सरकारी अनुदान से भी लाभान्वित किया गया है। उन्होंने विभागीय योजनाओं से फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी को किस प्रकार लाभ दिलाया जा सकता है, जैसे दृष्टि योजना, पी0एम0 कुसुम योजना, प्रमाणित बीज, खाद एवं कीटनाशक फुटकर बिक्री केन्द्रो की स्थापना एवं अन्य किसान उपयोगी विभागीय योजनाओं एवं कृषक उत्पादक संगठनों का मूल्यांकन प्रारुप-6 के अनुसार यूपीएफपीओ शक्ति पोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। जिला विकास प्रबन्धक, नाबार्ड ने अवगत कराया की सेंट्रल सैक्टर स्कीम के तहत जिले में एफ0पी0ओ0 चल रहे हैं। इनमें से 10 एफ0पी0ओ0 में से 02 एफ0पी0ओ0 पिछले वर्ष से कार्य कर रहे हैं, तथा आठ इसी वर्ष अनुमोदित हुए हैं।
जिलाधिकारी ने बृज किसान फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड विकास खण्ड धनीपुर, मत्स्य किसान उत्पादन कम्पनी लिमिटेड विकास खण्ड धनीपुर, भूसमृद्धि फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड विकास खण्ड अतरौली, शक्ति फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड, विकास खण्ड अतरौली के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कृषक उत्पादन संगठन को निर्देशित किया गया कि अपनी सदस्य संख्या बढ़ायें एवं कृषक उत्पादन संगठन का कार्य कृषक हित में कराया जाये, जिससे कृषकों की आय बढ़ सके। उन्होंने नाबार्ड द्वारा अनुमादित इक्विटी ग्रांट शक्ति फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड को प्रदान करते हुए सेंट्रल सैक्टर स्कीम में सीबीबीओ के कार्याें पर असंतोष प्रकट करते हुए जिले में एग्रीकल्चर ग्रेजुएट नियुक्त करने के आदेश दिये।
बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, सहायक निदेशक मत्स्य, जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड, मण्डी सचिव, महा प्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र, कृषि वैज्ञानिक डाक्टर राम पलट, अग्रणी जिला बैंक प्रबन्धक एवं जनपद में कार्यरत कृषक उत्पादक संगठनों के निदेशकों द्वारा भाग लिया गया।