भगवान के प्रति प्रेम ही जीवन का सार सर्वस्व है: आचार्य विनय कृष्ण

झांसी/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता सुल्तान आब्दी)– सी पी मिशन कंपाउंड में डामर गोदाम के पास आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस पर श्री धाम वृंदावन से आए सुप्रसिद्ध भागवताचार्य विनय कृष्ण महाराज ने कहा कहा कि भगवान के श्री चरणों में अनुराग ही जीवन का सार सर्वस्व है महाराज ने आज भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल के दर्शन की लीला का मधुर वर्णन किया साथ ही पूतना वध श्री कृष्ण बाल लीला कथा का माखन चोरी गोवर्धन पूजा की अत्यंत मनमोहक क्रश अमृत वर्षा या व्यास ने कहा कि पूतना वध के पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने अपने नेत्र इसलिए बंद कर लिए थे क्योंकि पूतना श्री कृष्ण के प्रेम से विमुख थी और प्रभु अपने प्रेमी भक्तों के समक्ष ही द्रवी होकर करुणाकर नेत्र खोलते हैंमहाराज जी ने कहा कि यदि जीव परमात्मा के मार्ग पर एक पग चलता है तो प्रभु 10 पग आगे चलकर भक्तों को निकटता प्रदान करते हैं निर्मल मन से ही प्रभु के प्रेम और करुणा को प्राप्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर परीक्षित श्रीमती संतोषी विनोद दीक्षित श्रीमती सुशीला गोकुल दुबे राजू व्यास अमित दीक्षित अखिलेश तिवारी कम्मू महाराज राजेश पाठक देवेंद्र त्रिवेदी निर्मल नंद गांधी श्रीमती उमा व्यास सचेत शुक्ला कन्हैया शुक्ला श्रीमती उर्मिला द्विवेदी पंडित संजय दुबे आरपी खरे संतोष कश्यप रामचरण नायक वैभव नायक उदय निरंजन सहित सैकड़ों भक्तों ने दिव्य कथा का रसपान किया संचालन पंडित सियारामशरण चतुर्वेदी ने किया।