कथा को सुनने के साथ जीवन में अपनाने से मिलती है मुक्ति राष्ट्रीय कथा वाचक साध्वी सुजाता कृष्णा प्रणामी के मुखारविंद से सुनाई जा रही कथा

बिछवा/मैनपुरी:–के प्रसिद्ध पावन धाम अंजनी मंदिर पर खाटू श्याम शनि देव माता अंजनी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ प्रारंभ किया गया कथा के पांचवे दिन साध्वी सुजाता कृष्णा प्रणामी के मुखारविंद से क्षेत्र व गांव के लोगों ने कथा सुनी कथा में जमकर श्रद्धालु पहुच रहे है ।
साध्वी सुजाता कृष्णा प्राणी जो बचपन से ही साध्वी है उन्हें देखने के लिए ही क्षेत्र के लोग उमड रहे हैं उनकी विशाल जटा व उनके तेज को लेकर क्षेत्र के पुरुष व महिलाएं उनके दर्शन के लिए आ रहे हैं। साथ ही मंदिर में कराई गयी प्राण प्रतिष्ठा के सभी मंदिरों के दर्शन भी श्रद्धालु कर रहे हैं।
कथा में बोलते हुए पांचवें दिन साध्वी सुजाता कृष्णा प्रणामी ने कहा कि हम सब का सौभाग्य है कि भगवान के दरबार में कथा सुनने और कहने का अवसर मिल रहा है प्रभु की कृपा है कि हम सब लोग इस पंडाल में बैठे हैं कथा सुनने से ज्यादा उस पर अमल करना चाहिए साथ ही हमें कथा का आनंद तभी आएगा जब हमारा मन कथा के भाव में लगेगा ।
प्रभु दर्शन का नहीं भाव का भूखा होता है जो भी कार्य करें पूजा-अर्चना उसमें भाव लगाकर पूजा करें साथ ही पैरों का काम है कथा के पांडाल तक पहुंचाना आंखों का काम है वहां सब देखना कानों का काम है सब सुनना लेकिन मन का काम है उस पर अमल करना हमारे शरीर में मन से ही सारी संरचना होती है आप प्रत्येक मंदिर में पहुंचे वहां मंदिर के दर्शन करें साथ ही बाहर के दर्शन करें।
साथ ही मंदिर के ऊपर लगे हुए गोल गुंबद के ऊपर एक नारियल आकृति होती है उसके भी दर्शन करें ताकि मन मैं शांति प्राप्त हो सके प्रत्येक मंदिर की संरचना इसी तरह होती है मंदिर के ऊपर बिल्कुल चोटी पर एक नारियल नुमा आकृति नुकीली होती है उसके दर्शन अवश्य करें कथा में उन्होंने बोलते हुए कहा कि प्रभु की रचना प्रभु की लीला हम 7 या 9 दिन में पूरी नहीं कर सकते कथा व भागवत राम कथा में सिर्फ कुछ अंश का ही वर्णन किया जाता है।
पुराण कथा को समझने की पढ़ने के साथ-साथ उन पर अमल करना से जीवन जीने की कला सीखने को मिलती है। कथा कथा के प्रारंभ होने से पूर्व स्वामी हरिदास महाराज ने वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ हवन यज्ञ कराया साथी कथा में प्रवचन दीजिए।