August 8, 2025

श्रम न्यायालय ने बी.टी.पी.एस. के 266 कोयला मजदूरों को नियमित वेतनमान देने का दिया आदेश

 श्रम न्यायालय ने बी.टी.पी.एस. के 266 कोयला मजदूरों को नियमित वेतनमान देने का दिया आदेश

बेगूसराय/बिहार:(कौनैन)–न्यायालय बेगूसराय के पीठासीन पदाधिकारी दीपक कुमार यादव द्वारा बरोनी थर्मल पावर प्लांट में सन 1980 से कार्यरत सभी 266 अस्थाई कोयला मजदूरों को राहत प्रदान करते हुए उनके नियमितीकरण एवं उनको बरौनी थर्मल पावर प्लांट में कार्यरत न्यूनतम श्रेणी के स्थाई कर्मचारियों के बराबर नियमित वेतनमान प्रदान करने एवं उनके वेतन विसंगतियों को दूर कर उन्हें स्थाई कर्मचारियों के बराबर सुविधा एवं संरक्षण देने का आदेश पारित किया है

ज्ञात हो कि बरौनी थर्मल पावर प्लांट में सन 1980 से कार्यरत सभी 266 कोयला मजदूर समय समय पर बी.टी.पी.एस. प्रबंधन से अपने नियमितीकरण एवं नियमित वेतनमान देने के लिए मांग करते चले आ रहे थे परंतु प्रबंधन द्वारा उनके मांगो की लगातार अनदेखी के चलते बिहार राज्य विद्युत मजदूर मजदूर यूनियन के द्वारा यह मामला माननीय उच्च न्यायालय पटना में CWJC – 8839 / 1992, और CWJC – 7180/ 1992 में उठाया गया | अंततः S. L.P.- 9613/ 2004 और S.L.P. 1249 / 2005 में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य सरकार ने बिहार राज्य विद्युत मजदूर यूनियन एवं प्रबंधन बरौनी थर्मल पावर प्लांट के मध्य चले आ रहे नियमितीकरण एवं वेतन विसंगति से संबंधित विवाद को श्रम न्यायालय बेगूसराय में निष्पादन हेतु संदर्भित किया था, जो संदर्भ वाद संख्या 02/2007 के रूप में दर्ज हुआ। व जिसमें न्यायालय द्वारा कोयला मजदूरों के कार्य की प्रकृति एवं उनके लंबे एवं निरंतर कार्यकाल को ध्यान में रखते हुए उन्हें बी.टी.पी.एस. में कार्यरत न्यूनतम श्रेणी के स्थाई कर्मचारियों के बराबर नियमित वेतनमान / पेंशन आदि देने का आदेश पारित किया गया। कोयला मजदूरों में लंबे संघर्ष के पश्चात मिले न्याय से हर्ष का माहौल व्याप्त है। उपरोक्त जानकारी श्रम न्यायालय के लिपिक निरंकज कुमार के द्वारा प्रदान की गई, तथा श्रमिकों के हित में यह जानकारी भी उपलब्ध कराई गई की यदि कोई मजदूर या कामगार पैसे के अभाव में श्रम न्यायालय में अपना वाद दाखिल करने अथवा लड़ने में असक्षम है तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाएगा।

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