कपिल सिब्बल ने कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़ आए सपा के साथ, राज्यसभा के लिए निर्दलीय भरा पर्चा

लखनऊ: बुधवार को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। उन्होंने निर्दलीय राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। श्री सिब्बल समाजवादी पार्टी के सहारे राज्यसभा जाएंगे। उत्तर प्रदेश में 11 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, जिसमें तीन सीटों पर समाजवादी पार्टी की जीत तय है, सात पर भाजपा का जीतना तय है और एक सीट के लिए सपा-भाजपा के बीच जोड़तोड़ होगी।
बुधवार को कपिल ने अखिलेश यादव की मौजूदगी में कपिल ने नामांकन दाखिल किया है। नामांकन के बाद कपिल ने कहा कि 16 को ही उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। अब मैं कांग्रेस का नेता नहीं हूं। मैं पिछली बार भी यूपी से राज्यसभा गया था। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का मोर्चा बना रहे हैं। विपक्ष में रहकर गठबंधन बनाना चाहते हैं। कपिल सिब्बल ने कहा 2024 को लेकर हम सब एक साथ आ रहे हैं। हम एक साथ केंद्र सरकार की कमियों को उजागर करेंगे। सब एक साथ मिलकर जनता के बीच बात रखेंगे। आजम खान के बारे में सवाल पूछने पर कपिल सिब्बल बोले कि ये आप आप उन्हीं से पूछ लीजिए।
इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि सपा को कपिल सिब्बल जैसे नेताओं की जरूरत है। कपिल सिब्बल अपनी बात अच्छे से रखते हैं। कपिल सिब्बल एक सफल वकील हैं।
इससे पहले, बुधवार दोपहर कपिल सिब्बल ने सपा कार्यालय पहुंचकर अखिलेश यादव से मुलाकात की। यहां से अखिलेश यादव के साथ नामांकन करने पहुंचे। इस दौरान राम गोपाल यादव मौजूद रहे।
इससे पहले, समाजवादी पार्टी ने आज अपने राज्यसभा के उम्मीदवार फाइनल किए। सपा ने कपिल सिब्बल को समर्थन दिया, जबकि अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की राज्यसभा जाएंगी।
इसके अलावा जावेद अली खान को भी पार्टी राज्यसभा भेज रही है। वह पहले भी सपा के राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। मालूम हो कि अभी तक राज्यसभा में सपा के पांच सदस्य हैं। इसमें कुंवर रेवती रमन सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और चौधरी सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल चार जुलाई को खत्म हो रहा है।
राज्यसभा में यूपी की 11 सीटों के लिए चुनाव 10 जून को होगा। इन सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इसके लिए नामांकन 24 से 31 मई तक दाखिल किए जाएंगे। एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 3 जून तक नाम वापस ले सकेंगे। 10 जून को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। शाम 5 बजे से मतगणना शुरू होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बृहस्पतिवार को इसका कार्यक्रम जारी कर दिया।
इन 11 सीटों में से भाजपा को सात व सपा को तीन सीटें मिलना लगभग तय है। सूत्रों के मुताबिक एक सीट के लिए 36 विधायकों का वोट चाहिए। भाजपा गठबंधन के पास 273 विधायक है। ऐसे में उन्हें 7 सीट जीतने में कोई परेशानी नहीं होगी। सपा के पास 125 विधायक हैं। उसे 3 सीट जीतने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन 11वीं सीट के लिए भाजपा व सपा एक दूसरे के खेमे में सेंधमारी का प्रयास करेंगे।
उच्च सदन में इस बार उत्तर प्रदेश से बहुजन समाज पार्टी के साथ ही कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगा। विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस को 403 में से दो तथा बहुजन समाज पार्टी को सिर्फ एक पर ही जीत मिली है।
सपा में पाँच नामों पर हुआ था मंथन
बता दें कि समाजवादी पार्टी मे अब तक 5 नामो पर गंभीर चर्चा हो रही थी। जिसमें कपिल सिब्बल, जयंत चौधरी, डिंपल यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी व जावेद अली खान के नामो ंपर पार्टी विचार कर रही थी। इसके लिए मंगलवार को पांच नामांकन पत्र भी खरीदे गए थे। पार्टी डिंपल यादव को आजमगढ़ से उप चुनाव भी लड़ाने की तैयारी में थी। अब उनके स्थान पर किसी और मजबूत यादव नेता को उतार सकती है। हो सकता है वो नेता यादव परिवार से भी हो।