शमसाबाद क्षेत्र के ग्रामीणों में आदमखोर जंगली जानवर के आने की सूचना

शमसाबाद/फर्रुखाबाद:(विशाल शर्मा)–40 घंटे गुजरने के बावजूद भी क्षेत्र में नहीं पता चल सका आदमखोर चीते का सुराग उधर शमसाबाद क्षेत्र के ग्रामीणों में आदमखोर जंगली जानवर के आने की सूचना से गरीब मजदूर किसानों में दहशत का माहौल जानकारी के अनुसार शमशाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम नीबल पुर जहां शनिवार की सुबह 6:00 बजे के करीब सौच क्रिया के लिए जाते समय ग्रामीणों द्वारा एक आदमखोर जंगली जानवर देखा गया था।
देखने के बाद ग्रामीणों ने चीते के होने की जानकारी दी थी उधर आदमख़ोर चीता देखे जाने के बाद भयभीत ग्रामीणों द्वारा शोर मचा कर सुरक्षा के लिहाज से खुद को एक कोठरी में बंद कर लिया था जबकि कोठरी के अंदर फोन के जरिए चीते के होने की जानकारी दी थी कुछ लोगों द्वारा जानकारी शमशाबाद थाना पुलिस को भी दी गई थी ।
वही वन विभाग के अधिकारियों को भी सूचना दिए जाने के बाद क्षेत्र में कॉलिंग कराए जाने की मांग की गई थी हालांकि शमशाबाद क्षेत्र के गांव नीवलपुर जहां ग्रामीणों द्वारा आदमखोर चीते को देखा गया था उस इलाके में वन विभाग के दरोगा अरुण अवस्थी द्वारा टीम के साथ कांबिंग की गई थी काम्बिंग के दौरान जो पैरों के निशान देखे गए थे उन निशानों के नमूनों को जांच के लिए भेज दिया गया था ।
हालांकि दरोगा अरुणा अवस्थी का कहना था संभवत चीते के निशान तो नहीं लेकिन किसी जंगली जानवर से जरूर है फिर भी जांच हेतु कार्रवाई आगे बढ़ा दी गई है जांच उपरांत पता चल सकेगा कि आखिर जो पैरों के निशान पाए गए हैं वह किसके हैं कहीं आदमखोर चीते के तो नहीं मालूम रहे शमशाबाद क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले ज्यादातर लोग मजदूरी का कार्य करते हैं कुछ लोग ऐसे हैं जो कृषि क्षेत्र से वास्ता रखकर सुबह से शाम तक खेतों में मेहनत मजदूरी करते हैं ।
जिसके बदले उन्हें संपन्न किसानों द्वारा मजदूरी के रूप में दिहाडी उपलब्ध कराई जाती है जब से क्षेत्र में चीता देखे जाने की बात उनके संज्ञान में आई है तब से आम लोगों में दहशत का माहौल देखा जा रहा है किसानों का कहना है गांव में रहने वाले ज्यादातर लोग कृषि कार्य के सहारे अपने घर परिवार की रोजी रोटी चलाते हैं ज्यादातर वक्त उन्हें अपने खेतों पर ही गुजारना पड़ता है ऐसे हालातों में अब उन्हें खेतो में जाने से डर लगने लगा है।
साइकिल मोटर साइकिल के सहारे फेरी लगाकर कारोबार करने वाले लोगों में भी दहशत का माहौल देखा गया सबसे बड़ी बात यह है यहां के ग्रामीणों में अपने छोटे छोटे बच्चों को लेकर भय देखा जा रहा है बड़े तो बड़े छोटे भी घर से बाहर आवश्यक कार्य से जाते हैं ऐसे हालातों में लोगों को सिर्फ एक ही डर सता रहा है कि कहीं आदमखोर जंगली जानवर चीता ना आ जाए गांव में ज्यादातर लोगों की जुबान पर यही चर्चा है जब से क्षेत्र में आदमखोर चीते की एंट्री हुई तब से लोगों में दहशत का माहौल देखा जा रहा है ।
वही आसपास ईट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर लोगो में भी दहशत का माहौल देखा गया बताते है आदमख़ोर चीते के देखे जाने के बाद कुछ लोग शनिवार को ही पलायन कर गए थे रबिबार को भी लोगों में दहशत का माहौल देखा गया जानकार लोगों का कहना था आदमखोर जंगली जानवर तभी जंगल छोड़कर बाहर आता है जब उसे शिकार की समस्या होने लगे अथबा कमजोर होने के कारण शिकार करने में असमर्थ हो या फिर जंगल में किसी दूसरे जंगली जानबर ने कब्जा कर लिया हो ऐसे हालातों में खूखार जानवर जंगल छोड़कर भोजन की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों में आ जाते हैं।
कुछ लोगों का मानना है आदमखोर जंगली जानबर जब घायल हो जाते हैं अथवा पंजों में कांटे चुभ जाते हैं जिसकी वजह से शिकार नहीं कर पाते ऐसे हालातो में जंगल छोड़कर गांव की तरफ आ जाते हैं खैर जो भी कारण हो लोगों में आदमखोर चीते एंट्री के बाद क्षेत्र में दहशत का काफी माहौल बना हुआ है।