June 24, 2025

कासगंज में गंगा नदी ऊफान पर,बरौना गांव के आशियाने कटान के मुहाने पर,प्रशासन के इंतजाम से नाखुश ग्रामीण

 कासगंज में गंगा नदी ऊफान पर,बरौना गांव के आशियाने कटान के मुहाने पर,प्रशासन के इंतजाम से नाखुश ग्रामीण

ग्रामीण बोले कटान से गांव बचाने के लिए तीन माह पूर्व प्रशासन को कराया था अवगत,

24 घंटे में 15 मीटर हुआ कटान, पीएसी गोताखोरों ने डाला डेरा,

डेढ दर्जन गांव को किया गया अर्लट।

कासगंज/उत्तर प्रदेश:(जुम्मन कुरेशी)–पिछले एक सप्ताह से लगातार पहाड़ों पर हो रही भीषण बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं, वहीं यूपी के कासगंज को अपनी पावन धारा से पवित्र करने वाली पतित पावनी गंगा नदी भी अपना रौद्र रूप धारण कर चुकी है। जिले के गंजडुंडवारा ब्लॉक क्षेत्र के गांव बरौना और बतौली समेत डेढ़ दर्जन तटवर्ती गांवों में गंगा ने अपना रूद्र रूप धारण कर लिया है। जल प्रलय की आहट से ग्रामीणों को न दिन में चैन है न रात में नींद, सब दहशत में है, वो सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए एक दर्जन गांवों में अर्लट जारी कर दिया है। बरौना गांव के एक दर्जन आशियाने कटान के मुहाने पर खडे हैं। प्रशासन ने इन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर प्रशासन द्वारा लगातार खबर ली जा रही है, पीएसी के गोताखोरों ने गांव में डेरा डाल लिया है। रोकथाम के इंतेजामात किये जा रहे हैं, लेकिन गंगा का लगातार कटान गांव की ओर मुख करता जा रहा है, ग्रामीण एक अनजाने भय से आशंकित होकर पलायन करने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं।

दरअसल कासगंज मुख्यालय से तकरीबन 45 किलोमीटर दूर गंजडुंडवारा ब्लॉक क्षेत्र के गंगातटवर्ती इलाके के गांव बरौना में गंगा पूरी तरह से ऊफान पर हैं। 24 घंटे में 15 मीटर तेजी से कटान होने के कारण ग्रामीण दहशत में हैं। गांव के 11 आशियाने पूरी तरह से कटान के मुहाने पर हैं।
गंगा के तेज वहाव से प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। वहीं प्रशासन द्वारा किये जा रहे इंतजाम से ग्रामीण नाखुश हैं, वो जिला प्रशासन पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीण घर से पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों की तकरीबन दो सौ 50 बीघा खेती जलमग्न हो गई है। गांव की ओर बड रहे कटान को लेकर पीएसी के गोताखोरों ने डेरा डाल लिया है, ताकि विशेष परिस्थितियों से निबटा जा सके।

गांव में जाते भी अंदर हैं, तो लोग पलायन कर रहे हैं, जो बिटिया राखी बांधने आई हैं उनके घर पर रक्षाबंधन नहीं हो, तो उनके दिल पर क्या बीतेगी और इस कटान के चक्कर में हमने 3 महीना पहले एप्लीकेशन दी थी सिंचाई विभाग ने हाथ खड़े कर दिए हमारे ज्खाते में पैसा नहीं है, उसके बाद उन्होंने एस्टीमेट बना कर 90 लाख का दे,दिया बीडीओ साहब ने कहा था कि हमारे पास पैसा नहीं है, हमने आपका एस्टीमेट बनाकर शासन को भेज दिया है, हमारे पास कोई पैसों का इंतजाम नहीं है।

गंगा नदी की भेंट चढ़े शिव शंकर शाक्य भावुक होकर बताते हैं कि गंगा का कटान बंद होना चाहिए, प्रशासन कोशिश करें हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है‌ सारे लोग आते हैं देख कर चले जाते हैं । कुछ लोग पीछे से चले जाते हैं‌ फोटो खिंचवा कर चले जाते हैं। अब यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है। खाना हमको नहीं मिलता है। बच्चे हमारे भूखे प्यासे रो रहे हैं,पापा कहीं चलो हम बच्चों से कह रहे हैं ,पापा कहीं नहीं जायेगे, हम यहीं मर जाएंगे हमारे बच्चे भूखे मर रहे हैं,किसी को खाना देने तक की चिंता नहीं है। हमको कोई खाना नहीं खिला सकता, हम गंगा मैया की शरण में हैं, जो करेंगी, वो गंगा मैया करेंगी‌।

बरौना गांव के ग्रामीणों के उजडते आशियानो की खबर सुनकर क्षेत्रीय सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया भी अपने दल बल के साथ पहुंच गए । सांसद राजवीर सिंह राजू भैया ने बताया कि वह बाहर थे कल ही लौट कर आये हैं, आज ही आया हूं, बांधा को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं, डॉक्टरों की टीम आ गई है ,पशुओं को कोई परेशानी है,तो पशु विभाग के डॉक्टरों की टीम भी आ गई है, जो लोग पलायन कर गए हैं उनके लिए वहां खाने की व्यवस्था की जा रही है।में समझता हूं यहां व्यवस्था पूरी हैं ,एनडीआरएफ, पीएसी के गोताखोर टीम को भी बुला लिया गया है। पलायन अभी नहीं कह सकते तीन चार घरो के लोग हैं, कुल 11 लोग हैं, जो सुरक्षित स्थान पर हैं‌।

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