स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रमानाथ खैरा व्यक्तित्व और कृतित्व अनुकरणीय: डॉ दिनेश शर्मा

स्वतंत्रता सेनानी स्व रमानाथ खैरा की जयंती का बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी में हुआ आयोजन.
झांसी/उत्तर प्रदेश:(सुल्तान आब्दी)– में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय रमानाथ खैरा का व्यक्तित्व और कृतिव आज भी अनुकरणीय है. उन्होंने राजनीति और साहित्य दोनों माध्यम से समाज को एक नई दिशा देने का कार्य किया है. यह विचार आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी के गांधी सभागार में अमर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय रमानाथ खैरा की जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने व्यक्त किया. डॉक्टर शर्मा इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय रमानाथ खैरा का अहम योगदान रहा है। उन्होंने स्वतंत्रता पूर्व और स्वतंत्रता के बाद भी देश के विकास और सकारात्मक राजनीति को विकसित करने का प्रयास करते रहे हैं।
इस दौरान झाँसी के वरिष्ठ समाज सेवी तथा ब्राह्मण समाज उत्थान सेवा संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित दिलीप पांडेय ने पूर्व उप मुख्य मंत्री दिनेश शर्मा का फूल माला पहना कर जोरदार स्वागत किया, उन्होने पूर्व डिप्टी सीएम डॉक्टर दिनेश शर्मा को भगवान श्री गणेश का स्मृति चिन्ह भी भेंट किया.
डॉक्टर शर्मा ने पंडित दिलीप पाण्डे द्वारा किए जा रहे जन सेवा के कार्यो की जमकर सराहना की.
उन्होने कहा कि बुंदेलखंड वीर भूमि है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से आजादी मिलने तक और उसके बाद भी यह क्षेत्र सक्रिय भूमिका में रहा है। अब बुंदेलखंड का भविष्य फिर से सुधरने लगा है और जल्दी ही यह देश के लिए रक्षा उपकरणों का उत्पादन करने में सबसे आगे होगा।
इस अवसर पर डॉक्टर विजय कुमार खैरा द्वारा लिखित पुस्तक पीर पराई हर लेता हूं और डॉक्टर प्रकाश द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर सदर विधायक रवि शर्मा, राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश मनोहर लाल पंत उर्फ मन्नू कोरी, भागीरथ प्रसाद आईएएस, प्रोफेसर शील चंद्र पालीवाल ने स्वर्गीय खैरा को याद किया। इस अवसर पर संजीव सृंगीऋषि, वीरेंद्र प्रताप यादव, प्रोफेसर डी के भट्ट, डॉक्टर श्वेता पाण्डेय, अचला पांडेय, संतोष पाठक, प्रोफेसर वी के सहगल, धन्नू लाल गौतम, रिषभ झा एवं अन्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कला संकाय प्रोफेसर मुन्ना तिवारी ने किया.