June 23, 2025

गंगा कटरी क्षेत्र में बाढ़ का तांडव जारी दो दर्जन ग्रामीणों ने ढाई घाट शमसाबाद शाहजहांपुर मार्ग को अपना आशियाना बनाया

 गंगा कटरी क्षेत्र में बाढ़ का तांडव जारी दो दर्जन ग्रामीणों ने ढाई घाट शमसाबाद शाहजहांपुर मार्ग को अपना आशियाना बनाया

शमशाबाद/फर्रूखाबाद::(विशाल शर्मा)–गंगा कटरी क्षेत्र में बाढ़ का तांडव जारी दो दर्जन ग्रामीणों ने ढाई घाट शमशाबाद शाहजहांपुर मार्ग पर अधिकारियों की लापरवाही पर बाढ़ पीड़ितों ने नाराजगी जताते हुए कहा बाढ़ के हालात से गुजर रहे पीड़ित लोग खाने पीने की समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन प्रशासन खबर के बाबजूद बेख़बर मालूम रहे गंगा कटरी क्षेत्र में एक लंबे समय से बाढ़ का प्रकोप जारी है गांव के गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं ग्रामीणों को पानी में घुसकर आवागमन करना पड़ रहा है सबसे बड़ी बात यह है यहां लोगों के आगे खाने पीने की समस्याएं उत्पन्न होने लगी है लगातार जलभराव तथा भविष्य के गंभीर परिणामो को देखते हुए गंगा के किनारे बसे गांव समैंचीपुर चितार के लगभग दो दर्जन ग्रामीण अपने अपने आशियानों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं इनमें अधिकांश लोगों ने ढाई घाट शमशाबाद शाहजहांपुर को अपना आशियाना बना लिया सड़क किनारे पॉलिथीन के सहारे झुग्गी झोपड़ी बनाकर वक्त गुजार रहे हैं गंगा के निकट निबासी अतीक जमील यार मोहम्मद काले खा निर्मल राजू जब्बार सहित दो दर्जन ग्रामीणों ने भविष्य के खतरों को देखते हुए अपने अपने घरों को छोड़ दिया सड़क किनारे मुख्य मार्ग ढाई घाट पुल के निकट अपना आशियाना बना लिया है बड़ी संख्या में रोड के किनारे बाढ़ पीड़ित लोगों को झुग्गी झोपड़ियों के सहारे समय गुजारते हुए देखा जा रहा है मुसीबत के वक्त उन्हें खाने-पीने के लाले हो रहे हैं काम धंधे भी नहीं मिल पा रहे हैं मेहनत मजदूरी भी बाढ़ की आगोश में समा गई है चारों तरफ पानी ही पानी है कुछ लोगों ने बताया यहां उनके द्वारा खेतों में तैयार की गई तमाम फसलें जलमग्न हो गई है इसके साथ ही तमाम उपजाऊ खेती खलियान भी कटान की भेंट चढ़ गए हैं कई ग्रामीण जो कटाव को देते हुए अपने अपनेआशियाने को तोड़ सुरक्षित स्थानों पर चले गए घर से बेघर होने के बाद बाढ़ पीड़ितों की समस्याये लगातार बढ़ती ही जा रही हैं ऐसे में बाढ़ पीड़ित समाजसेवी जनप्रतिनिधियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों के आने की राह देख रहे हैं ग्राम प्रधान ने बताया संकट की इस घड़ी में लोग बेहाल हैं पेट की आग बुझाने के लिए खाने पीने की वस्तुएं उपलब्ध कराए जाने की मांग कर रहे हैं उन्होंने बताया बाढ़ की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ प्रशासन से खाद्यान्न मुहैया कराए जाने की मांग की गई थी लेकिन अभी तक ध्यान नहीं दिया गया जिससे बाढ़ पीड़ितों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है बाढ़ पीड़ित लोगों का कहना था भूखों रहने की नौबत तो है ही बेजुबान जानवरों के लिए चारे पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है जो लोग अभी भी अपने घरों पर रह रहे हैं कमर तक पानी में घुसकर आवागमन करना पड़ रहा है चारों तरफ पानी ही पानी है घरों में जाने के लिए जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं बाढ़ का पानी लगातार बढ़ता ही जा रहा जो भविष्य के लिए एक खतरे का संकेत है बाढ़ के चलते घर बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर आशियाना बनाने वाले बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मदद की गुहार की।

Bureau