स्वास्थ्य विभाग जखनिया की मिली भगत से झोला छाप डॉक्टरों ने कल शाम ली जच्चा बच्चा की जान

गाज़ीपुर/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता एकरार खान)- ख़बर गाजीपुर से है। जहां स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से एक बार फिर जच्चा-बच्चा की मौत का मामला सामने आया है। मामले में अस्पताल और संचालक पर मामला दर्ज कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी गई है। दरअसल स्वास्थ्य विभाग जखनिया की मिलीभगत से पास में मौजूद संचालित अवैध अस्पताल और झोलाछाप डाक्टर से डिलेवरी कराने के लिए भेज दिया गया था। जहां डिलेवरी के दौरान जच्चा बच्चा की मौत हो गई। जिसके बाद अस्पताल संचालक चंदन यादव द्वारा मृतक प्रसूता को एम्बुलेंस में लाद कर अस्पताल से दूर एम्बुलेंस समेत छोड़ कर फरार हो गया। जब इस बात की जानकारी परिजनों और ग्रामीणों को हुई तो थाना भुड़कुड़ा के सामने हंगामा करने लगे। ग्रामीणों के हंगामे को देख भुड़कुड़ा थाना ने मामले का संज्ञान लिया और अस्पताल संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई।
बता दें कि गाजीपुर में इन दिनों फर्जी अस्पतालों की भरमार है। सवास्थ्य विभाग की मिलीभगत से झोला छाप डॉक्टर फल फूल रहे है।आये दिन कही न कही जिले में जच्चा बच्चा की झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा जान ली जा रही है। जिसका जीता जगता प्रमाण जखनिया तहसील के भुड़कुड़ा में देखने को मिला है। जी हां भुड़कुड़ा थाना क्षेत्र जखनिया सीएसचसी पर दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के खालिसपुर गांव की रहने वाली 34 वर्षीय विमला देवी को 18 फरवरी को प्रसव पीड़ा के दौरान परिजन उसे लेकर लेकर गये थे । जहां से मौके पर उपस्थित एएनएम ने महिला को दवा दिया लेकिन रात के 1 बजे बिना उसके परिजनों को वगैर सूचना दिए पास में फर्जी विजय अस्पताल में भेज दिया। जो विजय अस्पताल के नाम से अवैध है। मृतक माहिला के परिजनों को बताया गया कि माहिला का आपरेशन करना पड़ेगा। रात ही में महिला का सिजेरियन कर बच्चा पैदा कराया गया। उसके बाद फर्जी अस्पताल के डाक्टरों ने कहा कि बच्चे की हालत गंभीर है। उसे परिजन तत्काल मऊ लेकर गये। लेकिन मऊ के डाक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया, और इधर विजय अस्पताल में प्रसूता विमला की भी मौत हो गयी। इतना ही नहीं परिजनों का आरोप है कि जब महिला की मौत हो गयी तो अस्पताल से चालक ने उसके शव को एक एम्बुलेंस में लाद कर कुछ दूर एम्बुलेंस को छिपा कर फरार हो गया । परिजनों ने बहुत देर तक खोजबीन किया तब जाकर उन्हें शव अस्पताल से दूर एक एम्बुलेंस में मिला। इसके बाद परिजन और ग्रामीणों ने भुड़कुड़ा थाना पर जमकर हंगामा काटा तब जाकर मामले में मुकदमा दर्ज हुआ।
बता दें कि जनपद के जिला महिला अस्पताल व सीएचसी और पीएचसी दलालों के मकड़जाल में बुरी तरह से फंसे हुए हैं और इस बात को खुद सीएमओ डॉ हरगोविंद सिंह भी स्वीकार कर रहे हैं।सीएमओ ने स्वीकार किया कि मृतका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती थी और वहां से उसे दलाल विजय अस्पताल में लेकर गये जो की आपरेशन के लिये अधिकृत ही नहीं था पर उसका आपरेशन उस अस्पताल में किया गया और उसकी और उसके नवजात बच्चे की मौत हो गयी। सरकार लाख दावे कर ले पर इस तरह की मानवता को शर्मसार करने वाली घटनायें लगातार हो रहीं हैं।