जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ ने जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय परिसर में स्थित विभिन्न वार्डों में व्यवस्थाओं का बारीकी से जायजा लिया

रामपुर/उत्तर प्रदेश/संवाददाता आफाक अहमद खान:–जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ ने जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय परिसर में स्थित विभिन्न वार्डों में व्यवस्थाओं का बारीकी से जायजा लिया।
उन्होंने दवा वितरण कक्ष में पहुंचकर दवाओं की उपलब्धता के बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और फार्मासिस्ट से जानकारी प्राप्त की साथ ही कहा कि सभी दवाइयां मानक के अनुरूप उपलब्ध रहे ताकि लोगों को उपचार के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए।
जिला चिकित्सालय में विभिन्न मदों में प्राप्त होने वाली धनराशि के व्यय को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि अकाउंट ऑफिसर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की संयुक्त टीम द्वारा चिकित्सालय को प्राप्त बजट के सापेक्ष व्यय की स्थिति की जांच की जाएगी ताकि जो धनराशि शासन स्तर से प्राप्त हो रही है उसका जनहित में सदुपयोग किया जा सके। टीम द्वारा दवाओं की निर्बाध आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सुधार को लेकर संभावनाओं पर भी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में जो सीसीटीवी लगे हुए हैं उनकी लाइव फीडिंग जनपद स्तर पर स्थापित आईसीसीसी में भी पहुँचनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से ओपीडी के माध्यम से प्रतिदिन उपचार प्राप्त कर रहे मरीजों की संख्या के बारे में पूछा, जिस पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि प्रतिदिन 900 से 1000 मरीज ओपीडी में देखे जाते हैं।
जिलाधिकारी ने जिला चिकित्सालय में स्थित तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ में पहुंचकर जिला सलाहकार डॉ शहजाद से नशा मुक्ति के लिए विभागीय गाइडलाइन और तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ स्तर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में बारीकी से जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया कि वे जिला चिकित्सालय परिसर में नशा मुक्ति केंद्र तैयार कराएं और इसी सप्ताह के अंत तक अनिवार्य रूप से उसका संचालन प्रारंभ कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र के माध्यम से ऐसे लोगों को उपचार मिल सकेगा जो किसी प्रकार के नशे के आदी हो चुके हैं परंतु काउंसलिंग के अभाव में वे नशा नहीं छोड़ पा रहे हैं।
उन्होंने डॉ शहजाद को निर्देशित किया कि ग्रामीण स्तर पर काउंसलिंग सत्र आयोजित करने के दौरान संबंधित एसडीएम से अवश्य संपर्क करें ताकि अधिक से अधिक लोगों की काउंसलिंग हो सके और नशे के दुष्चक्र से लोगों को मुक्ति मिल सके।
ब्लड बैंक पहुंचकर उन्होंने ब्लड की उपलब्धता और उसकी मॉनिटरिंग के लिए तैयार अभिलेखों का बारीकी से अवलोकन किया साथ ही समय-समय पर जरूरत पड़ने पर ब्लड की उपलब्धता कराने वाले स्वैच्छिक रक्त दाताओं के प्रोत्साहन के लिए ब्लड बैंक की तरफ से किए जाने वाले कार्यों के बारे में भी जिलाधिकारी ने पूछा।
उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में सीटी स्कैन मशीन, एक्स रे मशीन और अल्ट्रासाउंड मशीन की तकनीकी ऑडिट आगामी 7 दिवस में हो जानी चाहिए इससे इस बात का पता चल सकेगा कि इन मशीनों में क्या कमियां हैं और उनके सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं इसके साथ साथ स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न जाँचों के लिए बेहतर संभावनाओं को भी चिन्हित किया जा सकेगा।
पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंचकर उन्होंने बच्चों में कुपोषण उन्मूलन के लिए किए जा रहे उपचार को लेकर व्यवस्थाएं देखी और वहां भर्ती बच्चों की माताओं से बातचीत करके बच्चों के स्वास्थ्य स्तर में सुधार और पोषण पुनर्वास केंद्र द्वारा किए जा रहे उपचार के बारे में पूछा। इस दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव जी जैन भी मौजूद रहे।