June 23, 2025

जिला कृषि अधिकारी श्री नरेन्द्र पाल ने बताया कि वर्तमान में खरीफ फसलें लगभग पककर तैयार हो गई

 जिला कृषि अधिकारी श्री नरेन्द्र पाल ने बताया कि वर्तमान में खरीफ फसलें लगभग पककर तैयार हो गई

रामपुर/उत्तर प्रदेश:(आफाक अहमद खान)–जिला कृषि अधिकारी श्री नरेन्द्र पाल ने बताया कि वर्तमान में खरीफ फसलें लगभग पककर तैयार हो गई है। वर्तमान में हो रही वर्षा से खरीफ फसलों में कुछ स्थानों पर क्षति अनुमानित है। प्राकृतिक आपदाओं से फसलों में हुई क्षति की प्रतिपूर्ति हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना संचालित है। इस योजना के अन्तर्गत फसल धान, बाजरा व उर्द की फसलें अधिसूचित हैं।
खरीफ मौसम में जनपद के 11562 कृषकों द्वारा अपनी फसलों का बीमा कराया गया है।
यदि किसानों की बीमित फसलों मेंअसमय वर्षा से क्षति हुई है तो किसान भाई फसल क्षति के 72 घण्टों के अन्दर इसकी सूचना निर्धारित नम्बरों पर दे सकते है।
उन्होंने बताया कि इफको टोकियों जनरल इनश्योरेंस कम्पनी लि0 के टॉल फ्री नं- 18001035490 निर्धारित है। यदि इस टोल फ्री नं० पर वार्ता न हो तो किसान भाई बीमा कम्पनी के क्षेत्रीय कर्मचारियों से प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक अपनी शिकायत कर सकते है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रबन्धक 8077089323, बिलासपुर 8077089323, स्वार 8218369979, मिलक 7351245288, शाहबाद 9027650107, टाण्डा 9719800594 एवं सदर के लिए 9720054470 निर्धारित किया गया है।
इसके अतिरिक्त किसान फसल क्षति की सूचना कृषि विभाग के राजकीय बीज भण्डार, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी कार्यालय, जिला कृषि अधिकारी रामपुर कार्यालय अथवा उप कृषि निदेशक, रामपुर कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में दे सकते है।
उन्होंने बताया कि फसल क्षति की सूचना प्राप्त होने के उपरान्त फसल क्षति का सर्वे बीमा कम्पनी द्वारा तत्काल किया जायेगा तथा नियमानुसार क्षति प्रतिपूर्ति की जायेगी। ऐसे किसान भाई जिनके द्वारा अपनी फसलों का बीमा नहीं कराया गया है और उनकी फसलों में वर्षा से क्षति हुई है तो ऐसे किसान भाई अपनी शिकायत सम्बन्धित तहसील में दे सकते हैं। किसान भाईयों को यह सलाह भी दी जाती है कि फसलों में जल भराव न होने दें। जल की समुचित निकासी कर फसलों में क्षति को कम किया जा सकता है। किसान भाई अपने उपयोग के लिये अनाजों को भण्डारित करते है। अनाजों के भण्डारण में यह आवश्यक है कि उनका भण्डारण उचित नमी पर ही किया जाये। भण्डारण में धान में नमी 14 प्रतिशत से कम, दलहन व तिलहन में नमी 8 से 9 प्रतिशत से कम हो। भण्डारण के लिये स्टेनलेस पूसा बिन अत्यधिक उपयोगी होते है, जिनमें अनाजों को लम्बी अवधि तक भण्डारित किया जा सकता है।

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