ग्राम नगला तारा में चल रही श्रीमद भागवत कथा में चौथे दिन उमड़ी भक्तो की भीड़
मैनपुरी: कुसमरा क्षेत्र के ग्राम नगला तारा में इंद्रेश चतुर्वेदी के आवास पर चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन सैकड़ो में भक्तो की उमड़ी और आचार्य पंडित श्री संजीव त्रिपाठी ने पहलाद कथा प्रसंग सुनाया और कथावाचक ने बताया कि भगवान नारायण का जन्म राक्षसों का संहार करने के लिए हुआ था। श्रद्धालुओं ने भगवान नारायण की सामूहिक जय-जयकार की कार्यक्रम स्थल को विभिन्न प्रकार के रंगों के गुब्बारों से सजाया गया और बधाई गीतों के बीच भक्तिमय वातावरण बना रहा।
चौथे दिन कथावाचक ने कहा कि संकल्प लेकर जो कार्य किया जाता है। उसको निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने कथा श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि वह श्रवण की गई कथा से संबंधित बिंदुओं को कथा स्थल पर ही न छोड़कर अपने जीवन में उनको स्थान दिलाए। क्षत्रिय का जन्म भारत भूमि की पावन धरा पर इसीलिए होता है कि वह देश, धर्म, संत, सनातन और पितरो के साथ ही माताओं और बहनों की रक्षा कर सके।
भागवत पुराण, वेद, उपनिषद, रामचरित मानस जैसे सभी ग्रंथों का नियमित रूप से वाचन और श्रवण करने की प्रक्रिया अपनाने की बात भी कही। कथा में श्री लालता प्रसाद चतुर्वेदी श्री किशन लाल चतुर्वेदी श्री कन्हैया लाल चतुर्वेदी श्री सिन्दू चतुर्वेदी अरविंद पांडेय बीरेन्द्र दुवे सनी दुवे मयंक चतुर्वेदी दीपू कृष्णा चतुर्वेदी अमित चतुर्वेदी अभिषेक मिश्रा आदि सैकड़ो भक्तिगढ मौजूद रहे।