अलीगढ़ में 33 लाख के बायोगैस प्लाट में ’भ्रष्टाचार’ की दरारें, जांच में खुली परतें

अलीगढ़/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता जेड ए खान)- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में शामिल गोवर्धन योजना के तहत चंडौस ब्लाक की ग्राम पंचायत ओगर नगला राजू में नवनिर्मित बायोगैस प्लांट में ’भ्रष्टाचार’ की दरारें पड़ गई हैं। पंचायती राज विभाग के उप निदेशक अमरजीत सिंह के निर्देश पर बीते दिनों हुई जांच में यहां काफी अनियमितताएं मिली हैं। 33.80 लाख की लागत के इस गोबर गैस प्लांट के निर्माण कार्य की गुणवत्ता प्रथम द्ष्टया खराब मिली है। प्लांट में जगह-जगह डाजेस्टर में लीकेज आ गया है। गैस की आपूर्ति के लिए डाली गई पाइपलाइन भी ठीक नहीं है। खराब गुणवत्ता के चलते स्कूल तक गैस का दबाव नहीं पहुंच रहा है। इससे प्लांट बंद पड़ा है।केंद्र सरकार ने 2018-19 के आम बजट में गोवर्धन योजना का एलान किया था। योजना के संचालन की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग को दी गई, लेकिन काम शुरू नहीं हो सका। शासन से सख्ती हुई तो इसी साल जनवरी में काम शुरू हुआ। पंचायती राज विभाग ने गभाना तहसील के चंडौस ब्लाक की ओगर नगला राजू की गोशाला का प्लांट के लिए चयन किया। इसमें 750 से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। बीते दिनों प्लांट तैयार कर लिया गया था। इसमें 85-85 घन मीटर की दो यूनिट लगाई गई हैं। 33.80 लाख रुपये की धनराशि इस पर खर्च हुई है। इसमें से 12.24 लाख रुपये का भुगतान फर्म को चुका है।