देश के पहले रोटी बैंक ने मनाया शीतकालीन उत्सव, ठंड से बचाव के लिए वितरित किये गए कम्बल, बेसहारा व जरूतमंद के चेहरों में आई खुशी।

महोबा/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता इसराईल कुरैशी)–देश के पहले रोटी बैंक ने 10 वर्षों की भांति इस वर्ष भी गरीब, असहाय, दिव्यांगों के साथ शीतकालीन उत्सव मनाकर ठण्ड से बचने के लिए गर्म कपड़े और मिष्ठान वितरित किया। जिसे पाकर मौजूद सैकड़ों जरूरतमंदों के चेहरे खिल उठे। बुन्देलखण्ड के महोबा में गरीबों को भरपेट भोजन मुहैया कराने वाले भारतीय रोटी बैंक ने वार्षिक उत्सव को गरीबो का शीतकालीन उत्सव के रूप में मनाया है। रोटी बैंक ने असहाय, गरीब और दिव्यांगों को ठंड से राहत देने के लिए शीतकालीन कैम्प के माध्यम से सैकड़ों लोगों को कम्बल वितरित कर राहत पहुंचाने का काम किया है। रोटी बैंक के संस्थापक हाजी मुट्टन सहित मौजूद संस्था के लोगों ने अपने हाथों से गर्म कम्बल जरुरत मंदों को वितरित किये। रोटी बैंक का यह शीत कालीन उत्सव कई वर्षों से लगातार चल रहा है !
बढ़ती ठण्ड के बीच सरकार से मदद की आस लगाए गरीबों के लिए रोटी बैंक एक बड़ा सहारा बनकर सामने आया है। पुरे वर्ष गरीब और भूखे पेट को भोजन देने वाला रोटी बैंक सर्दी से बचाव के लिए गरीबो के साथ शीतकालीन उत्सव मनाकर तन को गर्म कपडे देने का काम कर रहा है। महोबा में संचालित रोटी बैंक ने भारत ही नही विश्व मे अपनी कार्यप्रणाली की बेहतर मिशाल पेश की है। सरकारी व गैरसरकारी संस्थाओं के बिना ही रोटी बैंक के सैकड़ों कर्मचारी रात दिन मेहनत कर जिले के गरीब और असहायों को घर-घर जाकर निशुल्क भोजन वितरित कर रहे हैं। रोटी बैंक के संस्थापक ने तमाम स्थानों पर भ्रमण कर 324 गरीबो को चिन्हित किया है। जिन्हे जीजीआईसी कॉलेज में शीतकालीन कैम्प के माध्यम से हड़कपाऊ ठंड से बचाने के लिए कम्बलों का वितरण किया गया है। साथ ही सार्वजानिक स्थानों में घूमकर 316 अन्य गरीबों को भी कम्बल वितरित किये गए है। रोटी बैंक के शीतकालीन उत्सव में मौजूद अतिथियों और समाजसेवियों ने जमकर प्रशंसा की। शीतकालीन उत्सव में रोटी बैंक के संस्थापक हाजी मुट्टन बताते है कि पिछले एक सप्ताह से रात में समय रोडवेज, रेलवे स्टेशन, अस्पतालों में मौजूद जरूरतमंदों को कम्बल बांटने का काम किया गया। आज जिन घरो तक रोटी पहुँचाने का काम रोटी बैंक करता है उन सभी 324 जरुरत मंद गरीब विकलांग असहाय लोगो को शीतकालीन उत्सव के जरिये ये कम्बल बांटे गए गए। रोटी बैंक के संस्थापक हाजी मुट्टन कहते है कि रोटी बैंक बिना किसी की मदद लिए गरीबो के हित में काम कर रहा है ।साल में दो बार गरीबो के लिए उत्सव प्रत्येक वर्ष होता है।शीतकालीन उत्सव में सभी लोगो को कम्बल वितरित किये गए है । बैंक लगातार आगे बढ़ रहा है विदेशों में भी महोबा का रोटी बैंक काम कर रहा है। रोटी बैंक का लक्ष्य और सन्देश है कि पडोसी भूखा न सोये इसका लोग ख्याल रखें। ठण्ड से किसी की मौत न हो इसके लिए इस उत्सव के माध्यम से चिन्हित किये गए जरूरतमंदों को गर्म कम्बल वितरित किये गए है। ये सब से बड़ा इंसानियत का काम है।
जीजीआई कॉलेज में आयोजित हुए शीतकालीन उत्सव में मौजूद गरीबो के कम्बल पाकर चेहरे खिल उठे। उत्सव में मौजूद सभी लोगो को गर्म कम्बल दिए गए ये वहीँ लोग है इनके पास दो वक्त की रोटी की व्यवस्था भी बमुश्किल हो पाती है इनके परिवार तक रोटी बैंक ही पिछले कई वर्षों से भोजन पहुंचाने का काम कर रहा है। आज पेट को भरपेट भोजन के साथ ही तन को गर्म कपडे मिलने से ये खुश है। और रोटी बैंक के कार्य की सराहना करते हुए धन्यवाद दें रहे है।