March 15, 2025

हास्य व्यंग्य काव्य संग्रह “फुलझड़ी” का हुआ विमोचन

 हास्य व्यंग्य काव्य संग्रह “फुलझड़ी” का हुआ विमोचन

हास्य व्यंग्य काव्य संग्रह “फुलझड़ी” का हुआ विमोचन

मशहूर शायर नफीस आलम उर्फ हंटर गाज़ीपुरी द्वारा लिखित है काव्य संग्रह “फुलझड़ी”

नफीस आलम उर्फ हंटर गाज़ीपुरी, व्यंग शायरी के बेताज बादशाह हैं।

तंज से भरी उनकी खोपड़ी मुबारक के कायल हैं लोग।
……….

गाज़ीपुर/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता एकरार खान)–हास्य व्यंग्य के मशहूर शायर नफीस आलम हंटर गाजीपुरी के शेरी काव्यग्रंथ “फुलझड़ी” का विमोचन अलसमद कल्चरल एंड लिटरेरी सोसायटी, मोहल्ला मच्छरहट्टा में अध्यक्ष कद्र पार्वी द्वारा हुआ, मुख्य अतिथि हाजी जैनुल आब्दीन तथा विशिष्ट अतिथि एम ए एच स्कूल के प्रिंसिपल खालिद अमीर साहब रहे तथा काव्य संग्रह विमोचन का संचालन मशहूर इतिहासकार एवम लेखक उबैदुर्रहमान सिद्दिकी साहब ने किया।

नफीस आलम द्वारा लिखित बहुप्रतीक्षित काव्य संग्रह के विमोचन अवसर पर लेखक और शायर मासूम राशदी ने कहा कि हंटर गाजीपुरी ने हास्य व्यंग्य काव्य संग्रह प्रकाशित करके, जनपद का नाम ऊंचा किया है, वे मुबारकबाद के काबिल है, मौलाना अरशद कादरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि देखा जाए तो जनपद के इतिहास में प्रथम उर्दू शेरी मजमूआ है जो हंटर गाजीपुरी का है, उनका यह कार्य वास्तव में काबिल कद्र है, हसन फैजी साहब ने इस अवसर पर कहा कि हंटर साहब तीस वर्ष से ऊपर शायरी के मैदान में रहकर साहित्य जगत में जो नाम पैदा किया है वह काबिले तारीफ और सराहनीय योग्य है।

इतिहासविद उबैदुर्रहमान साहब ने कहा कि वास्तव में हंटर गाजीपुरी अपने शेरी काव्यग्रंथ द्वारा यहां के साहित्य जगत में अपना जो नाम दर्ज किया है, वह प्रशंसनीय है, वहीं विशिष्ट अतिथि और एम ए एच इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल खालिद अमीर साहब ने शेरी संग्रह को पढ़कर कहा कि हंटर गाजीपुरी ने तंज मजाह के जगत में अपने शेरी काव्यग्रंथ द्वारा दिलावर फिगार जैसे शायरों की उच्चकोटी में शामिल हो गए हैं, जिनसे साहित्य जगत अच्छी तरह से वाकिफ है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और वरिष्ट कालमनिष्ट शेख जैनुल आब्दीन ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि हंटर गाजीपुरी मुबारकबाद के काबिल है कि ऐसे समय में शेरी काव्यग्रंथ लाना मुबारकबाद के काबिल है तथा उनका यह कार्य सराहनीय है, जब भागती दौड़ती जिंदगी में साहित्य के प्रति दिलचस्पी कम होती जा रही है, वाकई ऐसे शेरी संग्रह / काव्य संग्रह की जरूरत साहित्यप्रेमियों को थी।

अंत में हंटर गाजीपुरी ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस शेरी मज़मोया को लाना मेरा ख्वाब था, जो आज पूरा हुआ क्योंकि जनपद में तंज मजाह के शायर तो हुए है, लेकिन अधिकतर ऐसे लोग अपना काव्य ग्रंथ न ला सके, एक तरह से साहित्य के बड़ी क्षति मानी जाएगी. विमोचन समारोह के अध्यक्षीय भाषण में कद्र पार्वी साहब ने कहा कि तंज मजाह शायरी में तत्कालीन घटना , उलझन भरे जीवन और समस्यायों पर चोट करना बहुत मुश्किल काम होता है, और उन्हें शायरी के शब्दों में ढालकर सजाना संवारना उतना आसान नहीं होता, जितनी आम शायरी में है। यह दुर्लभ विधा है जो धीमे धीमे खत्म होती जा रही है। इस मौके पर डाक्टर साजिद गाजीपुरी, डाक्टर नसीम गाजीपुरी, अख्तर गाजीपुरी , बादशाह राही, अमानुल्लाह रविश गाजीपुरी , हाजी गुलाम मुस्तफा जूही जैसे मशहूर शायर और लेखक ने भी अपने अपने विचार हंटर गाजीपुरी तथा उनके शेरी मजमोया पर रक्खा जिन्हे उपस्थित श्रोतागण ने पसंद किया।

PUBLISH BY KTH NEWS NETWORK

https://kuchtohai.in