August 9, 2025

सीएमएस का तुगलकी फरमान कर जिला अस्पताल में पोस्टर लगाकर वीडियोग्राफी फोटोग्राफी पर लगाई रोक, अस्पताल की अनियमितताओं और लापरवाही खबर दिखाने के बाद सीएमएस ने चिपकाए पोस्टर

 सीएमएस का तुगलकी फरमान कर जिला अस्पताल में पोस्टर लगाकर वीडियोग्राफी फोटोग्राफी पर लगाई रोक, अस्पताल की अनियमितताओं और लापरवाही खबर दिखाने के बाद सीएमएस ने चिपकाए पोस्टर

महोबा/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता इसराईल कुरैशी)–उत्तर प्रदेश के सीतापुर की तरह महोबा के जिला अस्पताल में तुगलकी फरमान जारी हुआ है। जिला अस्पताल की दीवारों पर पोस्टर चस्पा कर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी ना करने की चेतावनी तक दे डाली गई और करने पर मुकदमा लिखने तक के पोस्टर में धमकी दी गई है। जिससे महोबा के पत्रकारों में खासा आक्रोश है। जिला अस्पताल की अनियमितताओं और बाहर की दवाएं लिखने के मामले को लगातार मीडिया द्वारा प्रकाशित किए जाने से बौखलाए सीएमएस ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया। अस्पताल की दीवारों पर पोस्टर चस्पा कर दिए गए। इस मामले के बाद से महोबा में चर्चाओं का बाजार गर्म है तो वहीं अभिव्यक्ति की आजादी और मीडिया पर नकेल कसने को लेकर पत्रकार संगठनों में भी आक्रोश बढ़ रहा है।

दरअसल आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीतापुर में जिला अस्पताल में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाकर पोस्टर चस्पा किए गए थे ऐसा ही एक मामला अब बुंदेलखंड के महोबा में भी सामने आया है। जहां लगातार जिला अस्पताल के अनियमितताओं और लापरवाहियों की खबरें चलने के बाद महोबा के सीएमएस डॉ. पीके अग्रवाल ने भी सीतापुर की तरह महोबा में तुगलकी फरमान जारी कर दिया। अस्पताल के सीएमएस डॉ पीके अग्रवाल ने जिला अस्पताल की दीवारों में पोस्टर चस्पा कर अस्पताल के अंदर ही नहीं बल्कि प्रांगण में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने पर रोक लगा दी है। जिला अस्पताल की दीवारों में चस्पा पोस्टर में 4 बिंदु लिखकर भमकी के लहजे में पत्रकारों पर नकेल कसने की कोशिश सीएमएस ने की है। इसके चर्चा में आने के बाद से महोबा के पत्रकारों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लगे पोस्टर में साफतौर पर कहा गया है कि बिना अनुमति के वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने पर कानूनी अपराध माना जाएगा और कार्रवाई होगी तो वही महिला अधिकारियों या कर्मचारियों की वीडियोग्राफी करने पर गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखने तक की चेतावनी पोस्टर में हैं। इसके अलावा अन्य बिंदुओं पर भी धमकाने का लहजा पोस्टर में साफ दिखाई दे रहा है। इस पोस्टर के चस्पा होने के बाद से महोबा के पत्रकारों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। सीएमएस के इस तुगलगी फरमान के बाद से पत्रकार संगठनों में भी आक्रोश बढ़ गया है। पत्रकारों का कहना है कि जिला अस्पताल में बरती जा रही अनियमितता और लापरवाही को छुपाने के लिए पत्रकारों पर हैं ही नकेल कसने की नीयत से ये पोस्टर चस्पा किये गए है। पत्रकार निष्पक्ष होकर अपनी पत्रकारिता करते हैं अस्पताल में हो रही वाली अनियमितताएं साथ ही बाहर की दवा लिखने के मामले में प्रमुखता से खबर दिखा रहे हैं। अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने पर सीएमएस का ये बर्ताव पत्रकारों को भी रास नही आया है। इसको लेकर संयुक्त मीडिया क्लब के जिलाध्यक्ष भगवानदीन यादव ने कहा कि सीएमएस के इस तुगलगी फरमान से पत्रकारों में आक्रोश है। जिलाध्यक्ष ने इसको लेकर एतराज जताते हुए कहा कि पत्रकारों रोक लगाना हम पत्रकार बर्दास्त नही करेंगे और जरूरत पड़ी तो इसके खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया जायेगा। तो वहीं इस मामले को लेकर सीएमएस डॉ. पीके अग्रवाल ने तर्क दिया है कि उनकी मंशा पत्रकारों पर रोक लगाना नहीं है बल्कि जो तीमारदार मरीज लेकर आते हैं उनके द्वारा वीडियोग्राफी की जा रही है उसे रोकना है लेकिन उनके तर्क से पत्रकार सहमत नहीं है। पत्रकारों का कहना है कि उनकी अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाई जा रही है।

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