शिक्षक दिवस की बीती रात वार्डन द्वारा बच्चों को किया गया प्रताड़ित

झांसी/उत्तर प्रदेश:(सुल्तान आब्दी)– गुरसरांय राजकीय बालिका छात्रावास गुरसरांय में 5 सितंबर को जब पूरे देश में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा था उसी दौरान गुरसरांय के राजकीय बालिका छात्रावास विद्यालय में स्कूली बच्चियों के साथ वार्डन द्वारा छात्राओं के साथ जो दुर्व्यवहार किया गया और जिस तरीके से छात्राओं के साथ मारपीट की गई इससे लग रहा है ऐसे शिक्षकों से लेकर इस विभाग के आला अधिकारियों ने पूरी जानकारी होने के बावजूद शासन की गाइडलाइन अनुसार कोई कार्यवाही नहीं की बल्कि जांच में आए अधिकारी ने अपने ही सामने स्कूली बच्चों को धरती में बैठा कर मर्यादाओं को भी तोड़ दिया बताते चलें 5 सितंबर को जहां शिक्षक दिवस था उससे पहले 4/5 सितंबर 22 की रात्रि 9:00 से11:00 बजे के बीच छात्रावास में रहने वाली बालिकाओं के साथ जबरदस्त मारपीट की खबर चर्चा के रूप में हल्ला होने पर बाहर निकली तब इस खबर को थाना गुरसरांय में जानकारी हुई मौके पर थानाध्यक्ष समेत पुलिस बल व महिला स्टाफ सहित मौके पर पहुंची जानकारी हुई तो मौके पर पहुंच गए तो छात्राओं व उनके अभिभावकों को उन्हें बताया क बच्चियों के फोन रात में घर पर पहुंचे तो मैं सुबह से बच्चों से मिलने आया और देखा कि बच्चियों के साथ मारपीट हुई यह नजारा सुबह 11:00 बजे 5 सितंबर को देखा गया जहां इसके बाद यह खबर जिला मुख्यालय पहुंची जहां से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नीलम यादव शाम 5:00 बजे लगभग आई और खंड शिक्षा अधिकारी श्याम सिंह यादव मौके पर पहुंच गए और उन्होंने एकांत में वार्डन और छात्राओं से लगभग 1 घंटे गोपनीय बात की और इसके बाद वह छात्राओं के साथ छात्रा आवास परिसर में छात्राओं को जमीन में बिठाकर उनसे पुनः बातचीत करते नजर आए लेकिन मौके पर जब तक मीडिया के लोग पहुंच गए और उन्होंने धरती पर बैठी छात्राओं की फोटो का वीडियो बना ली इसके बाद बाहर आई तो इस संबंध में जब पत्रकारों ने उनसे घटना के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि कुछ छात्राओं द्वारा गंदगी फैलाने को लेकर वार्डन द्वारा डाटा गया और मारपीट नहीं की गई और यह झूठ है वही चर्चा है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खण्ड शिक्षा अधिकारी से लेकर वार्डन एक ही जाति विशेष से हैं जिसके चलते मामला रफा-दफा किया जा रहा है इस संबंध में लोगों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच की जाए और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो।