ब्राह्मण है सनातन की मुख्य धुरी उसी पर टिका है पूरा सनातन : उमेश त्रिवेदी

शिवली कोतवाली क्षेत्र के भेवान गांव में रविवार को आयोजित हुई विप्र समाज की बैठक
समाजसेवी निर्मल तिवारी द्वारा किए गए इंतजाम सभी के बीच बने रहे सराहना का विषय
समाज की एकता पर दिया सभी ने जोर
कानपुर देहात/उत्तर प्रदेश:(ओम जी पाठक)–पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रविवार को मैथा विकास खंड क्षेत्र के भेवान गांव में जय कामता नाथ भगवान ब्राह्मण समाज की बैठक का आयोजन किया गया।ब्रह्म समाज के लोकप्रिय समाज सेवी पंडित निर्मल कुमार तिवारी द्वारा किए गए भव्य इंतजामों के बीच आयोजित बैठक में भाग लेने भारी संख्या से पहुंचे ब्राह्मणों द्वारा भगवान परशुराम के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए आपसी एकता का संकल्प ग्रहण किया गया आए हुए सभी स्वजनों का बैठक के आयोजक निर्मल तिवारी द्वारा रोली तिलक लगाने के साथ माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।श्री तिवारी द्वारा इस अवसर पर सभी से आवाहन किया गया कि अभी वक्त है अभी कुछ नहीं बिगड़ा है ब्राम्हण जन अपने इतिहास को जाने और अपनी महत्व को समझ कर कुछ और न सही कम से कम इतना ही सोंचना प्रारंभ करे की ब्राह्मण का इतिहास क्या रहा है और आज ब्रह्मण किन स्थितियों में आ गया है आखिर इसका जिम्मेदार कौन है और अब हम ऐसा क्या करें जिससे हमारी सामने खड़ी युवा पीढ़ी संस्कारवान बन सके।
महीनों पूर्व जिले के समर्पित ब्राम्हण नेता पूर्व ब्लाक प्रमुख पंडित उमेश त्रिवेदी द्वारा जनपद के विप्र समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का प्रयास प्रारंभ किया गया था प्रत्येक रविवार को मौसम और समय की परवाह किए बिना श्री त्रिवेदी के नेतृत्व में आयोजित होती आ रही बैठकों का दौर अब जनपद में रंग लाता दिखाई देने लगा है आज 39 वीं बैठक में उपस्थित भारी संख्या इस बात का साफ प्रमाण दे रही थी कि ब्राह्मणों को एक मंच पर लाने की मुहिम असर दिखाने लग गई है।इतना ही नहीं रविवार के दिन से ही लोगों को अगला रविवार आने का इंतजार रहने लग गया है आज शिवली कोतवाली क्षेत्र के भेवान गांव में आयोजित बैठक के दौरान उपस्थित विप्र समाज को संबोधित करते हुए पूर्व ब्लाक प्रमुख पंडित उमेश त्रिवेदी द्वारा बताया गया कि जरासंध ने मथुरा पर 17 बार आक्रमण किया लेकिन सभी आक्रमणों में भगवान ने उसे पराजित कर दिया एक बार भी वह युद्ध जीत नहीं सका जिससे परेशान होकर उसने ब्राह्मणों को बंदी बनाकर अपनी विजय के लिए यज्ञ करने का आदेश देते हुए साफ तौर से कहा कि यदि उसे विजय-श्री प्राप्त नहीं हुई तो सभी को मृत्युदंड दिया जाएगा।
मृत्यु दंड के भय से ब्राह्मणों ने यज्ञ प्रारंभ किया इसी बीच जरासंध ने मथुरा पर पुनः आक्रमण कर दिया।श्री त्रिवेदी के अनुसार ब्राह्मणों के सम्मान और प्राणों की रक्षा के लिए भगवान ने अपना एक नाम रख लिया रणछोड़ राय उन्होंने कहा कि भगवान रणछोड़ कर चले गए उन्हें ब्राह्मणों के सम्मान की इतनी चिंता थी कि उन्होंने अपना नाम तक खराब कर लिया जिसका प्रमाण प्राप्त करने की चाहत रखने वाले गुजरात प्रांत तक चले जाएं वहां एक स्थान पर रणछोड़ राय जी का मंदिर है श्री त्रिवेदी द्वारा कहा गया कि सोचने की आवश्यकता है कि भगवान को ऐसा करने की क्या आवश्यकता पड़ी क्यों उन्होंने ब्रह्मणों की रक्षा के लिए अपना नाम खराब किया आखिर ब्राह्मणों को बचाने की जरूरत क्या थी श्री त्रिवेदी द्वारा सभी के हृदय पटल पर अपना विशेष स्थान बनाते हुए कहा गया कि क्योंकि ब्राम्हण सनातन की धुरी है जिसके ऊपर पूरा का पूरा सनातन टिका है उन्होंने कहा कि जिनको हम भगवान कहते हैं वह भगवान भी ब्रह्मणों के प्रति कितना श्रद्धावान है इसका यह कहानी पूरी तरह प्रमाण देती है कि स्वयं भगवान ने ब्रह्मणों के सम्मान की रक्षा के लिए अपना नाम रणछोड़ राय रख लिया।
उन्होंने कहा कि आज ब्राह्मण समाज अन्य को बुराइयों से घिर गया ऐसे में हम सब का यह नैतिक दायित्व बनता है कि हम लोग कुछ और न सही कम से कम यह तो चिंतन करें कि आखिर इसकी वजह क्या है उन्होंने साफ तौर से कहा कि हम और आप सभी लोग एक होकर हाथ पकड़कर चलते हुए यदि सभी को यह संदेश देने लग जाए कि ब्राह्मण किसी दया का मोहताज नहीं है ब्राह्मण स्वयं में एक बड़ी शक्ति है तो उसी दिन से ब्राह्मणों की दिशा और दशा सुधारना प्रारंभ हो जाएगी।
उन्होंने सभी से आयोजित होने वाली बैठकों में समय निकाल कर भाग लेने का आवाहन किया।अपने संबोधन में वरिष्ठ समाजसेवी महेश दत्त त्रिपाठी द्वारा कहा गया कि किसी दूसरे पर इल्जाम लगा देना बड़ा आसान है लेकिन खुद के अंदर झांक कर अपनी बुराई को देख उसे समाप्त करने का संकल्प ग्रहण करना बड़ी बात है उन्होंने कहा कि हमारा मुकाबला किसी से नहीं है हमारी बुराई किसी से नहीं है हम तो उस आवश्यकता को पूर्ण करने में लगे हैं जिससे हमारा समाज उन्नति के शिखर पर पहुंच सके और यह तभी संभव है जब हम सभी लोग एक दूसरे से बुराइयां रखना छोड़ कर स्नेह प्रेम पूर्वक कार्य करने लगे।
बैठक के दौरान महेश दत्त त्रिपाठी, शिवकेश तिवारी, अतुल कुमार दीक्षित ,संतोष कुमार दुबे, शिवा त्रिवेदी ,श्रवण कुमार त्रिपाठी ,पंकज मिश्रा, ज्ञान शंकर दीक्षित ,प्रभु तिवारी, सुरेश शुक्ला, संजय पांडे, जितेंद्र पांडे उर्फ जीतू, अजीत कुमार तिवारी, सतीश अग्निहोत्री ,जीतू तिवारी, अजीत कुमार तिवारी, चंद्र प्रकाश मिश्रा ,अवधेश तिवारी, रजनी कांत त्रिपाठी ,सत्यम अग्निहोत्री, रवि शंकर अवस्थी ,राजेश कुमार, राजाराम शुक्ला ,नरेश प्रसाद तिवारी ,दयाशंकर पांडे, वेद नारायण द्विवेदी, राघव बाजपेई, सामोद शुक्ला ,सतीश चंद्र दुबे, अतुल कुमार शुक्ला, राजू तिवारी, विनय मिश्रा, राजेश त्रिवेदी, भुवनेश त्रिपाठी, रमाकांत मिश्रा ,किशोर नारायण द्विवेदी, श्याम बिहारी पांडे ,विमल तिवारी, संजू बाजपेई, गौरव द्विवेदी, पंकज अवस्थी ,श्यामू मिश्रा ,अशोक त्रिपाठी, बालकृष्ण दीक्षित, महेश तिवारी ,राम बिहारी मिश्रा, दीपू तिवारी, रामनरेश दीक्षित, उत्तम कुमार द्विवेदी, अभिषेक तिवारी ,विजय कुमार बाजपेई, रवि शंकर तिवारी, मुकेश तिवारी, सतीश तिवारी, राकेश शुक्ला, जितेंद्र पांडे, राजेश पांडे ,देवेंद्र पांडे, शैलेंद्र कुमार तिवारी, अनिल कुमार त्रिवेदी ,आलोक अवस्थी, राम जी त्रिवेदी, रमाकांत मिश्रा, अमित तिवारी ,राज किशोर शुक्ला, मनोज बाजपेई, अवधेश पांडे, वेद नारायण द्विवेदी, यशवंत शुक्ला ,विमल कुमार द्विवेदी, तेजस्वी पांडे, सत्य प्रकाश मिश्रा, सोनू तिवारी ,आनंद त्रिवेदी, नीरज शुक्ला ,विनोद कुमार, ब्रज कुमार त्रिवेदी, दिलीप कुमार अग्निहोत्री, मोहन शुक्ला, पवन दीक्षित, सागर पांडे, नीरज पांडे, शिवम तिवारी, पुलकित तिवारी, हरे कृष्ण शुक्ला, रवि तिवारी, पवन त्रिवेदी ,आनंद शुक्ला, सत्यम तिवारी, विमल तिवारी, सुनील कुमार त्रिवेदी ,अमित कुमार शुक्ला ,नीरज अवस्थी ,रोहित शुक्ला, विवेक पांडे, हरे कृष्णा तिवारी, डॉक्टर पांडे जी ,हिमांशु त्रिपाठी ,दुर्गा मिश्रा ,अजय कुमार तिवारी बृजेश शुक्ला आलोक त्रिवेदी, आलोक तिवारी, अजय तिवारी जगदंबा प्रसाद लल्लन तिवारी, अजय अवस्थी ,सुनील तिवारी चंद्रकांत द्विवेदी , लल्ला तिवारी, आदि के अलावा जिले के वरिष्ठ पत्रकार ओम पाठक अजय तिवारी रोहित शुक्ला सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।