भाजपा को मुखर्जी, हेडगेवार और सावरकर द्वारा तिरंगे के अपमान के लिए देश से माफी मांग लेनी चाहिए- शाहनवाज़ आलम

अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए तिरंगे को कवच की तरह इस्तेमाल करना देश का अपमान है
लखनऊ/उत्तर प्रदेश:– मोदी सरकार तिरंगे को कवच की तरह इस्तेमाल कर अपनी नाकामियों को छुपाने की कोशिश कर रही है। इससे पहले ऐसा किसी भी सरकार ने नहीं किया था। यहाँ तक कि अटल बिहारी बाजपेयी सरकार ने भी अपनी नाकामी को इस तरह छुपाने की कोशिश नहीं की थी। यह राष्ट्रध्वज का अपमान है। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने स्पीक अप कार्यक्रम की 58 वीं कड़ी में कहीं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि जिन संघियों ने आज़ादी के 52 साल तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया वो भी आज घर घर तिरंगा लगाने का अभियान चला रहे हैं। उन्हों लगता है कि ऐसा करके वे अपनी सरकार की नाकामियों को छुपा ले जायेंगे। उन्होंने कहा कि संघ और भाजपा के लोगों द्वारा गरीब लोगों से 20 से 30 रुपये तक प्रति झंडा वसूलना और भाजपा दफ्तरों से झंडे की बिक्री करना अमित शाह के उस बयान को सही साबित करती है कि उनके खून में व्यापार है।राष्ट्रध्वज का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इस स्वतंत्रता दिवस पर भाजपा नेताओं को अतीत में तिरंगे का अपमान करने वाले अपने नेताओं श्यामा प्रसाद मुखर्जी, हेडगेवार और सावरकर की तरफ से देश से माफी मांग लेनी चाहिए।