अतीक और असरफ हत्याकांड में शामिल शूटर अरुण उर्फ कालिया निकला कासगंज का

कासगंज/उत्तर प्रदेश/संवाददाता जुम्मन कुरैशी:– यूपी के कुख्यात माफिया डाँन अतीक और उसके भाई असरफ की शनिवार रात तीन शूटरो ने ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी थी, हत्या के बाद तीनों शूटरों ने अपने अपने हाथ खड़े कर स्वंय को सरेंडर कर दिया था, इस बहुचर्चित हत्याकांड में एक टाँप शूटर कासगंज का रहने वाला है। वह पूर्व में भी जीआरपी पुलिस हत्या कांड में जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद वह कासगंज को छोड़कर बाहर चला गया था।
दरअसल प्रयागराज के धूमनगंज मेडिकल काँलेज में सरेआम बहुचर्चित माफिया डाँन अतीक और अशरफ की हत्या करने में शामिल एक शूटर अरूण मौर्य कासगंज जनपद की कोतवाली सोरों क्षेत्र के गांव बघेला पुख्ता का रहने वाला है। उसके गांव में उसका नाम अरूण मौर्य उर्फ कालिया था, उसके माता पिता की मौत बचपन में ही हो गई थी, बाद में वह सोरों कस्बे में जाकर रहने लगा था।
तकरीबन वर्ष 2014/15 में कासगंज बरेली फर्रुखाबाद रेलवे मार्ग पर उझयानी और सोरों के मध्य चलती ट्रेन में लूट के बाद सिपाही की गोली मारकर हत्या की। बाद में वह जेल भी गया था, उसके बाद उसके तार अपराधियों से जुड़ गये और वह लगातार अपराध की दुनिया कदम दर कदम बढ़ता चला गया। अरूण के दो छोटे भाई भी हैं, जिनके नाम धर्मेंद्र और आकाश हैं, जोकि फरीदाबाद में रहकर कबाडे का काम करते हैं।
अरूण मोर्या की मां का नाम सविता पिता का नाम हीरा लाल था, जोकि दोनों माता पिता बचपन में ही छोड़कर दुनिया से चले गये थे, अरूण मौर्य की चाची लक्ष्मी देवी चाचा आज भी गांव में ही रहते हैं, चाची लक्ष्मी के मुताबिक वह सोरों में आठ वर्ष पूर्व आया था।उसके बाद वह आज तक नहीं आया है। गांव आता था लेकिन वह किसी से बात नहीं करता था। घटना की खबर मिलते ही गांव में भारी मात्रा में पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है, ताकि कोई भी अनहोनी नहीं हो सके।