August 9, 2025

18 घण्टे बाद कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने अवतार का शव निकाला,

 18 घण्टे बाद कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने अवतार का शव निकाला,

शमशाबाद/फर्रुखाबाद:(विशाल शर्मा)–अवतार का सब निकलते ही परिजनों में मचा कोहराम वैसे ही परिजनों की रही-बची आस दम तोड़ गयी, उधर गोताखोर शव निकाल रहे थे, इधर परिजनों के हृदय में छिपा गम का लावा फूट पड़ा और घाट पर करुण क्रन्दन का कोलाहल गूंजने लगा।


जानकारी के अनुसार शमशाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम मिल किया दलेलगंज निवासी अवतार 24 वर्षीय पुत्र वेदपाल की उस वक्त गंगा में जल समाधि हो गई थी जब वह अपने छोटे भाई धनपाल उर्फ धनंजय के साथ सोमवार को गंगा स्नान करने के लिए ढाई घाट शमशाबाद गया था। गंगा स्नान के दौरान अवतार गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। मदद के लिए बुला रहे अवतार को बचाने के लिए भाई धनपाल ने कोशिश की और वह स्वयं डूबने लगा, लेकिन सफल नहीं हुआ। गोताखोरों ने धनपाल को तो सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन अवतार को माँ गंगा ने अपनी गोद में छिपा लिया था।

तमाम लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई थी लोग अवतार के सुरक्षित बचने के लिए तरह-तरह से ईश्वर से दुआएं मांग रहे थे। गोताखोर स्ट्रीमर के सहारे अवतार की खोज करने में जुटे हुए थे। सूचना पर पहुंची शमशाबाद थाना पुलिस ने भी पूरी दमखम से अवतार की खोज में डटी रही, लेकिन सोमवार शाम तक अवतार को नहीं तलाशा जा सका।
मंगलवार को गोताखोरों द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद अवतार को गंगा से खोज निकाला गया, लेकिन उसके प्राण पखेरू उड़ चुके थे।

शव बाहर निकलते ही अवतार के घर परिवार में कोहराम मच गया। परिजन शव देखकर दहाड़े मार कर रोने लगे। मां पुष्पा देवी बेटे के सब पर दहाड़े मार कर रो रही थी। मौके पर मौजूद लोगों की आंखों से आंसू छलक रहे थे। शमशाबाद थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरवाये जाने के साथ ही पोस्टमार्टम के लिए फतेहगढ़ भिजवा दिया।


मालूम रहे अवतार के पिता वेदपाल नौकरी कर रहे थे। उन्होंने देहरादून में ही आवास बनाया था, लेकिन पैतृक निवास शमशाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम मिलकिया में ही था। कुछ समय पूर्व सेवानिवृत्त हुए थे ओर कुछ दिन पूर्व परिवार के साथ पैतृक गांव घूमने आये थे।

बताया गया है अवतार देहरादून से गांव आने के बाद हर रोज किसी न किसी के साथ गंगा स्नान के लिये ढाई घाट शमसाबाद जाता था। सोमवार को अवतार का गंगा स्नान का अन्तिम स्नान था यह तो विधि को लिखने वाले विधाता को ही पता होगा। अवतार को बचाने के चक्कर में दूसरा भाई तो बाल-बाल बच गया था।

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