June 23, 2025

करबला मे हुसैन अ ने कुरबानी पेश कर इंसानियत को ज़िन्दगी बक्शी मौलाना फ़ैज़ान मेहदी

 करबला मे हुसैन अ ने कुरबानी पेश कर इंसानियत को ज़िन्दगी बक्शी मौलाना फ़ैज़ान मेहदी

बाराबंकी/उत्तर प्रदेश:(ब्यूरो रिपोर्ट)–अपने ज़माने के इमाम को पहचानना ही मारेफ़त ए ख़ुदा है।जो अद्ल का पैरोकार होता है बस वही ख़ुदा का इबादत गुज़ार होता है।जो अद्ल से काम नही लेते ख़ुदा उन्हें पसन्द नहीं करता।यह बात इमामबाड़ा तकैया बेगम बेगमगंज बाराबंकी मे अशरे की पांचवीं मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना हिलाल अब्बास ने कही।मजलिस से पहले दानिश ने नजरानए अक़ीदत पेश किए।मौलाना ने करबला वालो के मसायब पढ़े जिसे सुनकर अजादार रो पड़े।गाजी इमाम ने नौहाखानी की बानिये मजलिस मुतवल्ली सरवर अली रिजवी ने सभी का शुक्रिया अदा किया।

मजलिस का आग़ाज तिलावत से हुआ।सुबह साढे सात बजे मौलाना गुलाम अस्करी हाल मे मजलिस को मौलाना अली अब्बास खान ने ख़िताब किया।इमामबाड़ा मीर मासूम अली कटरा मे असरे की पाचवी मजलिस को मौलाना जाबिर जौरासी साहब ने खिताब करते हुए कहाकि इत्तेबा ए अमीरल मोमनीन मोमिन की मेराज है।ऐसा किरदार अपनाओ हर तरह से पैरोकार ए अली नज़र आओ।मजलिस का आग़ाज तिलावत ए कलाम ए पाक से हुआ।

आखिर मे मौलाना ने मसायब पेश किए जिसे सुनकर मोमनीन रो पड़े।आग़ा फ़य्याज मियांजानी के अजाखाने की पांचवीं मजलिस को मौलाना फ़ैज़ान मेहदी जैदपुरी ने खिताब करते हुए कहाकि करबला मे हुसैन अ ने कुरबानी पेश कर इंसानियत को ज़िन्दगी बक्शी।दीन पाने के बाद अगर बचाया नही तो शिम्र जैसा किरदार हो जायेगा।बग़ैर तकवे का इल्म इंसानी तबाही का जरीया होता है।जो हक और बातिल मे फ़र्क नही जानते मौला ए कायनात की नज़र में मुर्दा है।डा मुहिब रिजवी और हाजी सरवर अली करबलाई ने नजरानए अक़ीदत पेश किए।वही रसूलपुर मे मोहसिन साहब के अजाखाने की मजलिस को मौलाना तसनीम हैदर साहब ने ख़िताब किया।

करबला सिविल लाइन और रिफाकत रिजवी के अजाखाने मे मौलाना मो मुजतबा “मीसम” ने मजलिस को ख़िताब करते हुए कहाकि जिसने अपने नफ्स को जान लिया उसने ख़ुदा को पहचान लिया।फ़र्शे अज़ा खुदा से मिलाने का बेहतरीन ज़रीया है।बन्दा जिन नेमतो का शुक्रिया अदा करता है खुदा उसमे बरकत अता कर देता है।डा रज़ा मौरानवी,हाजी सरवर अली करबलाई ने नजरानए अक़ीदत पेश किए।इमामबाड़ा जनाबे जैनब बेगमगंज मे मजलिस को दानिश रिज़वी ने खिताब किया।मजलिस का ये सिलसिला बेगमगंज के बाद डाक्टर असद (मरहूम अतहर एडवोकेट) के अजाखाने मे जहां मजलिस को मौलाना रज़ा ज़ैदपुरी ने खिताब किया।मजलिस का यह सिलसिला हैदर हाउस , कम्पनी बाग,लाइन पुरवा,रफी नगर,अस्करी नगर,बेलहरा हाउस,तकिया व पीर बटावन मे देर रात तमाम हुआ।

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