सरकारी बैंकों को अम्बानी- अडानी को देने के लिए सरकार ला रही है बैंकिंग कानून संशोधन बिल- शाहनवाज़ आलम

निजी बैंक मालिक मोदी जी के मित्रों मेहुल, ललित और माल्या की तरह पैसा ले कर भाग जाएंगे
अब बैंक की नौकरियों में आरक्षण बन्द हो जाएगा
अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि मोदी सरकार सरकारी बैंकों को अपने उद्योगपति मित्रों को दान में देने के लिए बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने जा रही है। जिसके पास हो जाने के बाद इन बैंकों में सरकार का शेयर 51 प्रतिशत से घट कर 26 प्रतिशत हो जाएगा। जिससे इन बैंकों में जमा आम आदमी का पैसा एक तरह से निजी उद्योगपतियों का हो जाएगा। इन सरकारी बैंकों को मोदी जी के वे मित्र खरीदेंगे जो ख़ुद सरकारी बैंकों के क़र्ज़दार हैं और अपना बकाया कर्ज़ मोदी सरकार से माफ करा लेते हैं। ऐसे उदाहरण भी दिखेंगे जहाँ मोदी जी के मित्र उसी बैंक से कर्ज़ लेकर उसी बैंक को खरीद लेंगे।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने 1969 में 19 जुलाई को बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर निजी बैंकों के लाभ को राष्ट्र के विकास में लगाने और उनको जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए उनमें सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत रखी थी। जिससे बैंक जनता के नियंत्रण में रहें। लेकिन अब मोदी जी इन बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत करने और अगले कुछ सालों में पूरी तरह खत्म कर देने के लिए क़ानून ला रहे हैं। जिससे इन बैंकों का अब जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के प्रति कोई जाबदेही नहीं रह जाएगी। उल्टे वे अब मनमाने व्याजदर पर सरकार को ही कर्ज़ देने लगेंगे।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि बैंकों के निजी हाथों में जाते ही बैंक की नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था भी खत्म हो जाएगी। जिससे पिछड़े, दलित, आदिवासी और गरीब सवर्णों के बच्चे बैंकों में नौकरी नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि बिल संसद में लाया जाता था तो अल्पसंख्यक कांग्रेस इसके खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करेगी।