August 13, 2025

उप जिलाधिकारी, नोडल अधिकारी सोनई गौ आश्रय स्थल का नियमित निरीक्षण करें:– जिलाधिकारी

 उप जिलाधिकारी, नोडल अधिकारी सोनई गौ आश्रय स्थल का नियमित निरीक्षण करें:– जिलाधिकारी

बीमार गौवंशों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करायी जाए:– जिलाधिकारी

किसी भी गौ आश्रय स्थल में जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो

मैनपुरी/उत्तर प्रदेश:–- ग्रामीण क्षेत्र में संचालित गौ आश्रय स्थलों का सप्ताह में कम से कम 02 बार उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी स्वयं निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखें, नगरीय क्षेत्रों में संचालित गौशालाओं का निरीक्षण अधिशासी अधिकारी नगर निकाय स्वयं मौके पर जाकर करें, संचालित गौ-आश्रय स्थलों के सभी अभिलेख अद्यावधिक रहें, गौशालाओं में पयार्प्त मात्रा में भूसा, दाना, पशुओं हेतु दवाई की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए, सोनाई में संचालित गौशाला पर विशेष नजर रखी जाए, वहां संरक्षित सभी गौवंशों का टीकाकरण कराया जाए, पशु चिकित्साधिकारी अपने अधीन प्रत्येक गौशाला में प्रतिदिन जाकर पशुओं की देखभाल करें, उप जिलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के पशु चिकित्सा केंद्रों की विस्तृत जांच करें, कितनी दवाएं उपलब्ध हुई और उसमें से कितनी दवाएं गौशालाओं को भेजी गईं, का मिलान कर 31 जुलाई तक रिपोटर् प्रस्तुत करें, गौशालाओं में प्रतिदिन उपस्थिति के अनुसार ही भुगतान किया जाए, गौशालाओं के संचालन में किसी भी स्तर पर हेरा-फेरी न हो, पशुओं के चारे, दाने की किसी भी दशा में कटौती न की जाए।

उक्त निदेर्श जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जिला स्तरीय गौ संरक्षण समिति की बैठक में देते हुये उप जिलाधिकारियों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्र की गौशालाओं का निरीक्षण कर वहां संरक्षित पशुओं की गिनती करें, प्रतिदिन की हाजिरी के अनुसार ही भुगतान किया जाए, पशु विभाग, अन्य विभागों द्वारा गौशालाओं में संरक्षित पशुओं की संख्या में काफी अंतर है, इसका मिलान मौके पर जाकर उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी स्वयं करें। उन्होंने कहा कि संरक्षित गौवंशों को दाना, भूसा, चारा खिलाते वक्त कोई न कोई कमीर्, पशु चिकित्साधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने उप जिलाधिकारियों से कहा कि प्रतिमाह तहसील स्तरीय गौ-संरक्षण समिति की बैठक की जाए, बैठक में खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर निकाय, पशु चिकित्साधिकारी प्रत्येक दशा में उपस्थित रहें, बैठक में गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए विचार-विमशर् किया जाए, गोबर-गोमूत्र, दूध का प्रयोग गौशालाओं की आथिर्क स्थिति सुधारने के लिए किया जाए, सवर्श्रेष्ठ रख-रखाव वाली गौशालाओं को चिन्हित कर वहां कायर्रत कमिर्यों, ग्राम प्रधान, लेखपाल, सचिव, खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर निकाय को प्रशस्ति पत्र दिए जाएं।

श्री सिंह ने पशु सहभागिता योजना की जानकारी करने पर पाया कि 1634 लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 1255 गौवंश सहभागिता योजना में पशुपालकों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं, इस पर उन्होंने खंड विकास अधिकारियों, अधिशासी अधिकारी नगर निकाय को निदर्ेशित करते हुए कहा कि सहभागिता योजना में पशुपालकों को अधिक से अधिक गौवंश संचालित गौशालाओं से लेने के लिए प्रेरित करें, सहभागिता योजना में जिन पशुपालकों द्वारा गौवंश लिए गए हैं, उनका सत्यापन कराकर समय से धनराशि उपलब्ध कराई जाए, खंड विकास अधिकारी सत्यापन में विलंब न करें, प्रतिमाह समय से सत्यापन रिपोटर् मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि पशुपालकों को योजना के अन्तगर्त उपलब्ध करायी जाने वाली धनराशि का भुगतान समय से हो सके। उन्होने बैठक में उपस्थित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारियों को निदर्ेशित करते हुए कहा कि कृत्रिम गभार्धान की व्यवस्था करें, नर गौवंश का बधियाकरण प्राथमिकता पर कराया जाए, कोई भी निराश्रित गौवंश सड़कों पर दिखाई न दे, जिन गौशालाओं में जगह उपलब्ध हो वहां बेसहारा गौवंशों को रखा जाए और उनकी उचित देखभाल की जाए।

जिलाधिकारी ने जानकारी करने पर पाया कि कान्हा गौशाला मैनपुरी में 746, बेवर में 67, भोगांव में 78, किशनी में 117, कुसमरा में 159, करहल में 97, कुरावली में 65, ज्योति खुड़िया में 70, घिरोर में 212, गुराई में 380, हतपऊ में 42, जटपुरा में 45, नगला जोत में 70, सोनई में 90, नगला देवी में 94, बरिहा में 45, कुंआखेड़ा में 89, कुरार् में 132, जखौआ में 106, नगला फत्ते में 90, गदाईपुर में 18, मंछना में 40, समान में 42, परौख में 11, नैगमा खिरिया में 35 गोवंश संरक्षित है। उन्होने पशु चिकित्साधिकारियों से कहा कि संरक्षित सभी गौवंशों की शत-प्रतिशत ईयर टैगिंग करायी जाये, बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियें से बचाव हेतु टीकाकरण किया जाये, सभी गौशालाओं में पयार्प्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध रहें, बीमार, कमजोर गौवंश की बेहतर देखभाल की जाये।

बैठक में अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए. के.के. सिंह, उप जिलाधिकारी सदर, भोगांव, करहल, किशनी, घिरोर, कुरावली, नवोदिता शमार्, कुलदेव, सत्येन्द्र सिंह, राम नारायण, शिव नारायण, युगान्तर त्रिपाठी, समस्त खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर निकाय आदि उपस्थित रहे।

Bureau