संकिसा स्तूप परिसर में अवैध मेले का जबरदस्त विरोध

हाईकोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाकर सजाई जाती हैं दुकानें
भिक्षु संघ के अध्यक्ष डॉ. भिक्षु धम्मपाल थेरो ने अपर उपजिलाधिकारी को सौंपा
मैनपुरी/फरुखार्बाद:– संकिसा स्थित बौद्ध स्तूप परिसर में इस वर्ष अवैध रूप से लगने वाले मेले का जबर दस्त विरोध शुरू हो गया है। संकिसा भिक्षु संघ के अध्यक्ष डॉ. भिक्षु धम्मपाल थेरो ने डीएम की गैर मौजूदगी में अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर उच्च न्यायालय एवं पुरातत्व विभाग के आदेश का पालन कराए जाने की मांग की है। साथ ही हाईकोटर् एवं पुरातत्व विभाग के आदेश का पालन न होने पर भूख हड़ताल का ऐलान किया है। डॉ. भिक्षु धम्मपाल थेरो ने डीएम को अवगत कराया कि संकिसा भिक्षु संघ एवं धम्मालोको बुद्ध विहार संकिसा आदि के द्वारा इलाहाबाद में रिट याचिका इस आशय से प्रस्तुत की गई थी कि संकिसा पुरातत्व विभाग द्वारा स्थल की बाउंड्री के अंदर किसी प्रकार का मेला एवं व्यवसाय कायर्क्रम आयोजित न करने दिया जाए। यह भूमि भारतीय पुरातत्व सवर्ेक्षण विभाग के अधीन है, जिसके संबंध में पुरातत्व विभाग द्वारा डॉ. भिक्षु धम्मपाल थेरो को जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचना पर यह जानकारी उपलब्ध कराई गई है कि पुरातत्व की प्राचीन स्मारक संकिसा की बाउंड्रीवाल के अंदर किसी भी प्रकार की दुकानें नहीं लगाई जा सकती हैं। गौरतलब है कि संकिसा निवासी अतुल दीक्षित आदि सनातन धमीर् प्रत्येक वषर् बौद्ध स्तूप परिसर में एक पखवारे के लिए मेले का आयोजन करवाते हैं।
हाईकोटर् ने डीएम और एसपी को दिए थे आदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 1 अगस्त 2019 के पारित आदेश में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को विधि अनुसार मामले का निस्तारण कराने को कहा गया है। डॉ. भिक्षु धम्मपाल थेरो ने पुलिस अधीक्षक को भी शिकायती पत्र देकर उच्च न्यायालय एवं पुरातत्व विभाग के आदेश का पालन कराए जाने की मांग की है। नियम ताक पर रखकर मेले में लगती हैं दुकानें नियमों को ताक पर रखकर बौद्ध स्तूप परिसर में आयोजित मेले में दजर्नों दुकानें लगती हैं, जिससे स्तूप परिसर में गंदगी के अंबार लग जाते हैं। भीड़भाड़ के कारण स्तूप परिसर के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है। इस वषर् 28 मई से जून से 13 जुलाई तक मेला लगवाने की जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। मालूम हो कि कोरोना के कारण बीते 2 वषोर्ं से मेला नहीं लगा। इससे पूवर् चचिर्त थाना अध्यक्ष जगमोहन मिश्रा ने गलत रिपोटर् लगाकर मेला का आयोजन कराया था। पुरातत्व विभाग के तत्कालीन चैकीदार ने मेला लगाए जाने का जबरदस्त विरोध किया था। तब पुलिस ने चैकीदार को डरा धमका कर खामोश कर दिया था। चैकीदार की शिकायत पर ही पुरातत्व विभाग ने डीएम व एसपी को पत्र भेजकर मेला न लगाए जाने को कहा था। धम्मालोको बुद्भ विहार प्रबंध समिति के अध्यक्ष कमर्वीर शाक्य ने स्तूप परिसर में अवैध मेला लगाए जाने की निंदा करते हुए प्रशासन से इस वषर् मेले की अनुमति न देने की फरियाद की है। संकिसा में आमरण अनशन की चेतावनी साथ ही उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने मेले की अनुमति दी तो वह अवैध मेले का विरोध करने के लिए संकिसा में क्रमिक व आमरण अनशन तक करेंगे।
इस दौरान भिक्षुगण बुद्ध विहारों में क्रमिक व आमरण अनशन करेंगे। ज्ञापन देने वालों में यह थे शामिल ज्ञापन देने वालों में भिक्षु धम्मदीप, कमर्वीर शाक्य, मीडिया प्रभारी आनंद भान शाक्य, रघुवीर शाक्य, देवेश कुमार शाक्य, पवन शाक्य एडवोकेट आदि समाज के लोग मौजूद रहे।