June 24, 2025

दान से मनुष्य की नहीं होती दुर्गति दुनिया ही याद दिलाती है मनुष्य को दुखों की याद -सुजाता कृष्णा प्रणामी

 दान से मनुष्य की नहीं होती दुर्गति दुनिया ही याद दिलाती है मनुष्य को दुखों की याद -सुजाता कृष्णा प्रणामी


बिछवा/मैनपुरी:(अवनीश शाक्य)–न धाम अंजनी संकट मोचन मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन कथा वक्ता सुजाता कृष्णा प्रणामी ने बोलते हुए कहा कि जीवन में मनुष्य को शांति के लिए विशेष उपाय करने चाहिए जो लक्ष्मी अर्जित करना चाहते हैं वह शांति सौभाग्य और सिद्धि की लक्ष्मी को प्राप्त करें जिससे मनुष्य का कल्याण हो सके कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कि संसार में जो भी दुख मनुष्य पर बीते हैं यह दुनिया उन दुखों को याद दिला कर मनुष्य को और ज्यादा दुखी करती है ।

जब भी आप इस दुनिया के सामने अपने कष्टों को बताएंगे तो लोग जीवन भर उन कष्टों को आप को याद दिलाएंगे जो भी मनुष्य के कष्ट हैं प्रभु के सामने अपने कष्टों को मन के भाव से रखें वहीं से प्रभु की कृपा से कष्ट दूर होंगे साथ ही उन्होंने कहा कि जीवन में जब दुख आता है तो प्रभु की याद आती है उसके बाद लोग प्रभु को भूल जाते हैं लोग मंदिर जाते हैं लोग दान करते हैं लोग पानी पिलाने के साथ विभिन्न तरह की जो पुण्य करते हैं उन्हें याद रखते हैं लेकिन मनुष्य कितने पाप करता है।

यह कोई याद नहीं रखता पापों से बचने के लिए दान करना बहुत आवश्यक है दान दुर्गति से बचाता है जीवन में जब भी कहीं भी किसी की भी शव यात्रा दिखे चाहे दुश्मन की शव यात्रा क्यों न हो उस यात्रा में अवश्य शामिल हो तीर्थ यात्रा में एक बार ना जाएं लेकिन सब यात्रा में अवश्य शामिल हो सुबह उठे अगर शव यात्रा दिख जाए तो समझना कि शिव के पास जाने का एक यही रास्ता है इसलिए कुछ कदम सब यात्रा में अवश्य चलाएं।

सब यात्रा में जाने के बाद मनुष्य में वैराग पैदा होता है साथ ही बैराग ही जब मनुष्य के शरीर में आ जाए तो जीवन का असली उद्देश्य वहीं से प्रारंभ होता है ना कुछ लेकर आए थे ना कुछ लेकर जाएंगे ऐसी भावना शमशान घाट पर ही मनुष्य को याद आती है कथा में स्वामी हरिदास महाराज ने साध्वी सुजाता कृष्ण प्रणामी को भागवत गीता के साथ रुद्राक्ष व तुलसी की माला को भेंट किया । कथा में सुंदर झांकियां व भजनों पर गांव व क्षेत्र के लोग मनमोहक तालियां बजाते नजर आए।

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