बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर आठपुरा के ग्रामीण,नाले के पानी मे हो कर गुज़रते है ग्रामीण

कुरावली/मैनपुरी:- दरहसल मामला कुरावली के ग्राम आठपुरा का है जहाँ गांव के लोग गंदगी में रहने को मजबूर है। जल भराव व गंदगी के अम्बार में उन्हें प्रतिदिन घुस के घर आना जाना पड़ता है। पूरे गांव के पानी का ढाल गांव के जिस क्षेत्र में है, वहां से तालाब को जाने वाला निकास बंद है। जिसके कारण ग्रामीण सालो से गंदे पानी मे रहने की मजबूर है। तो वही ग्रामीणों ने इस समस्या से प्रधान को कई बार अवगत कराया है परंतु प्रधान है कि चेन की नीद सोया है। पता नही गरीब ग्रामीणों को किस बात की सजा मिल रही है।
ग्राम आठपुरा से काफी शिकायते मिल रही थी जिसका मौके पर जा कर मुआयना किया तो शिकायत सही साबित हुई। मौके पे मौजूद दिनेश चंद्र, रामौतार, प्रदीप, प्रभुदयाल, धनीराम, रामसेवक, राजेश, मालिखान, साहब सिंह फौजी, दलवीर, ब्रह्मानंद, जयसिंह, नरेश, कैलाश, सौदान, पुनीर, सरला देवी, उर्मिला, राजकुमारी, मुन्नीदेवी, और जसौदा देवी आदि ग्रामीणों के चहरे पर निराशा और प्रधान के खिलाफ गुस्सा साफ देखने को मिल रहा था।
प्रदेश की योगी सरकार स्वच्छता को लेकर गंभीर है। देश व प्रदेश की सरकारें स्वच्छ भारत मिशन के तहत एकजुट हो कर स्वछता को प्रमुखता दे रही है। परन्तु प्रदेश के कुछ ऐसे भी क्षेत्र है जहाँ जनता के नुमाइंदे प्रदेश की योगी सरकार को अंगूठा दिखा अपने कर्तव्यो से भाग रहे है। गांव में गंदगी जैसी गंभीर समस्याओं पर उनका कोई ध्यान नही है। गांव में सरकार ने पक्की गालिया तो बनवा दी है परंतु साफ सफाई की व्यवस्था इस कदर खराब है। मानो किसी जुर्म की सजा दी जा रही हो।
ग्रामीणों ने अव्यवस्था पर क्या कुछ कहा
वही मौजूद उर्मिला देवी ने बताया कि यहां गंदे पानी भराव को 1 साल से ज़्यादा हो गया। जब भी कही आना जाना होता है तो इसी गंदे पानी से हो कर गुज़रना होता है। जिसके कारण घर मे कोई न कोई बीमार पड जाता है। कही कोई नही सुनता, प्रधान से कई बार शिकायत कर चुके है। परंतु इस समस्या का कोई समाधान नही निकल।
तो ग्रीशचंद्र ने बताया कि जल निकास नही है जिसके कारण पानी भरता है। बच्चे , बड़े-बूढे सभी इस गंदे पानी से हो कर पानी भरने या घर का जरूरी काम करने जाते है, और अक्सर इसमे गिर जाते है। बरसात में यहां का और भी बुरा हाल हो जाता है। मच्छर, कीड़े-मकोड़े इसके सहारे घर मे घुस जाते है। तो वही सफाई कर्मी भी न आने की बात कहते हुए। ग्राम प्रधान को सुनवाई न करने का आरोप लगाया।