अगर गब्बर सिंह होता तो योगी जी उसका सरनेम देखकर एमएलसी बना देते- शाहनवाज़ आलम

लखनऊ/उत्तर प्रदेश:–. अजय सिंह बिष्ट उर्फ़ योगी आदित्यनाथ जी की सरकार में उनकी अपनी जाति के माफियाओं के हौसले बुलन्द हैं. ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए पहले लोग अधिकारियों से पैरवी करवाते थे लेकिन इस सरकार में यह काम भी माफिया ही कर रहे हैं. उनके आगे क़ानून व्यवस्था लाचार हो गयी है.
इससे दलित और पिछड़े वर्गों में दहशत व्याप्त है.
ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 95 वीं कड़ी में कहीं.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि योगी सरकार में दाऊद इब्राहिम के शूटर रहे बृजेश सिंह को पूरा संरक्षण मिला हुआ है जिसपर दाऊद के जीजा इब्राहिम कासकर के हत्यारों को मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में मारने का आरोप रहा है. बृज भूषण शरण सिंह भी एफआईआर के बावजूद शायद इसीलिए गिरफ्तार नहीं हुए हैं कि उनके ऊपर भी दाऊद इब्राहिम के शूटरों को पनाह देने के आरोप में टाडा के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था.
उन्होंने कहा कि दलितों की ज़मीन गैर दलितों द्वारा खरीदने के नियम में बदलाव भी भू माफिया के हितों को ध्यान में रखकर किया गया है. ताकि कांग्रेस के शासन में दलितों को मिले ज़मींनों को फिर से छीना जा सके.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अजय सिंह बिष्ट जी को सजातीय अपराधियों से इतना प्रेम है कि आज अगर गब्बर सिंह का गिरोह होता तो सांभा और कालिया तो दलित पिछड़ा-समझ कर एंकाउंटर में मार दिए जाते लेकिन सरनेम के कारण शायद योगी जी उन्हें एमएलसी बना देते.