बीस दिवसीय संस्कृत भाषा शिक्षण कार्यशाला में बौद्धिक चर्चा सत्र का आयोजन

लखीमपुर खीरी: (नूरुद्दीन) उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ भाषा विभाग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा आयोजित 20 दिवसीय संस्कृत भाषा शिक्षण कार्यशाला में मध्यान्ह 3 बजे संस्थान के निदेशक पवन कुमार आईएएस और अध्यक्ष डॉ० वाचस्पति मिश्र के निदेर्शानुसार ऑनलाइन बौद्धिक चर्चा सत्र का आयोजन हुआ।चर्चा सत्र में बतौर मुख्यातिथि संस्कृतभारती अवधप्रान्त के पदाधिकारी प्रान्तमन्त्री डॉ अनिल कुमार वर्मा शोभायमान रहे।आपने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में संस्कृत हमारा जीवन दर्शन है।
भारतीय संस्कृति का उदय संस्कृत भाषा से ही हुआ है इसके साथ ही साथ सबसे अधिक रोजगार संस्कृत भाषा में है।यदि सभी लोग प्रतिदिन संस्कृत भाषा में परस्पर व्यवहार करेंगे तो एक विशिष्ट व्यक्तित्व का निर्माण होगा । संस्कृत कार्यशाला में अध्ययनरत संस्कृत शिक्षार्थियों को संस्कृत भाषा को नियमित पढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए आगामी तृतीय स्तर चतुर्थ स्तर और पंचम स्तर सहित शास्त्रीय कार्यशाला के आयोजन की सूचना समस्त संस्कृत अनुरागियों के मध्य साझा की और साथ ही साथ संस्थान के प्रशिक्षकों की सराहना करते हुए संस्कृत भाषा के प्रचार- प्रसार हेतु अहर्निश यथेष्ठ योगदान देने हेतु निर्देशित किया ।
चर्चा सत्र के अन्त में मुख्यातिथि द्वारा कार्यशाला में शिक्षण प्राप्त करने वाले अतिथियों से कक्षा और प्रशिक्षकों के व्यवहार स्वरूप अनुभव मांगा जिसमें गोकुलेश ,ज्योत्सना, मेधा, बद्री प्रसाद, अलका त्रिपाठी, आकांक्षा ,अनीता, विनोद कुमार, पिंटू सहित अनेक लोगों ने मुख्यातिथि को अपने अपने अनुभव व्यक्त कर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के अध्यक्ष डॉ० वाचस्पति मिश्र और समस्त पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया और इसी प्रकार कार्यशाला आयोजित होती रहें ऐसा आग्रह भी किया।
उक्त चर्चा सत्र गौष्ठी में मीना कुमारी, सविता मौर्या, स्तुति गोस्वामी विष्णु कांत पाठक गणेश दत्त द्विवेदी आदि प्रशिक्षकों की कक्षा के एक सैकड़ा से अधिक संस्कृत अनुरागियों सहित योजना सर्वेक्षिका डॉ चन्द्रकला शाक्या प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. सुधीष्ठ मिश्र और प्रशिक्षण समन्वयक धीरज मैठाणी आदि समुपस्थित रहें ।