March 15, 2025

बीते तीन माह से वेंटिलेटर पर है जिला अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट,अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से लोगों को नहीं मिल पा रहा शासन की योजना का लाभ

 बीते तीन माह से वेंटिलेटर पर है जिला अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट,अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से लोगों को नहीं मिल पा रहा शासन की योजना का लाभ

महोबा/उत्तर प्रदेश/संवाददाता इसराईल कुरैशी:- महोबा के जिला अस्पताल में कोरोना काल के दौरान लगाया गया ऑक्सीजन प्लांट सफेद हाथी बनकर रह गया है। बीते 17 जनवरी से जिला अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट खुद बीमार है फिलहाल जिसका इलाज कर पाना जिला अस्पताल प्रबंधन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। जिला अस्पताल में प्राइवेट संस्था से ऑक्सीजन की सप्लाई करवाई जा रही है। जिसकी वजह से अस्पताल के बेड में पाइप के जरिये ऑक्सीजन न मिलकर सिलेण्डर के माध्यम से मरीजों को बमुश्किल उपलब्ध हो पा रही है। प्रदेश के डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री का दौरा भी ऑक्सीजन प्लांट सही नहीं करा पाया । इसे अस्पताल प्रशासन की नाकामी कहें या फिर लापरवाही लगभग तीन माह से खराब पड़े ऑक्सीजन प्लांट को सही कराने के लिए जिम्मेदार प्लांट जल्द सही कराने की बात कहकर टालते नजर आ रहे हैं।

दरअसल आपको बता दें कि कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी की वजह से कोरोना पीड़ित लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद महोबा के लोगों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासन के निर्देश पर महोबा जिले के दोनों जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांटों की स्थापना कराई गई थी। ऑक्सीजन प्लांटों द्वारा पाइपलाइन के माध्यम से जरूरतमंद मरीज को उनके बेड पर ही ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही थी जिससे लोगों को शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑक्सीजन प्लांट से बेहतर लाभ मिलता दिखाई दे रहा था।

शासन के मंसूबों पर स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा बरती जा रही लापरवाही के चलते बीते 17 जनवरी से ऑक्सीजन प्लांट ने काम करना ही बंद कर दिया जिसकी वजह से जिला अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों को समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है। भले ही ऑक्सीजन प्लांट खराब हुए लगभग तीन माह का समय बीत रहा हो लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन रोजाना ऑक्सीजन प्लांट जल्द ठीक होने का दावा करता नहीं थक रहा। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि बीते 28 मार्च को हुआ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का दौरा भी जिला अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट को ठीक नहीं करा पाया जिसकी वजह से अब स्थानीय लोगों में भी आक्रोश पनप रहा है। यहां आने वाले गरीब तबके के मरीजों के लिए निशुल्क इलाज की उम्मीद के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की आस रहती मगर अव्यवस्थाओं ने इस उम्मीदों पर पानी फेर रखा है। यहां आने वाले मरीजों और तीमारदारों को ऑक्सीजन प्लांट के बंद रहने पर समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है तो वहीं एक सवाल उठता है कि जब अस्पताल में ही ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध है तो उसे शुरू कराने के स्थान पर बाहर की कंपनी से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाकर उसे लाभ पहुंचाने का काम स्वास्थ्य विभाग क्यों कर रहा है। इस मामले को लेकर सीएमएस डॉ. पवन अग्रवाल बताते है कि बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को जल्द शुरू कराने के लिए कई बार इंजीनियर को बुलाया जा चुका है मगर वो अभी तक उसे ठीक नही कर पाया। जिस कारण दिक्कतें आ रही है मरीजों के लिए बाहर से ऑक्सीजन के सिलेंडर मंगाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द ऑक्सीजन प्लांट सही करा लिया जाएगा।

डॉ० पवन अग्रवाल (सीएमएस, जिला अस्पताल)

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